झारखंड में तेजी से बनते-बिगड़ते सियासी समीकरण के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। इससे पहले उन्हें विपक्षी गठबंधन-इंडी अलायंस के विधायक दल का नेता चुना गया था। राज्यपाल सीवी राधाकृष्णन ने पूर्व सीएम चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद हेमंत सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। राजभवन में केवल हेमंत सोरेन को सीएम पद की शपथ दिलाई गई। मंत्रिमंडल विस्तार बाद में किया जाएगा। ऐसे में मंत्रिमंडल के सहयोगियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी।
शपथ ग्रहण से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया था कि राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। शपथ ग्रहण समारोह सात जुलाई को होगा। हालांकि, बाद में हेमंत के आज ही शपथ लेने की बात सामने आई और अब हेमंत तीसरी बार सीएम बन चुके हैं।
गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कल राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इसके बाद चंपई सोरेन ने ही विधायक दल के नेता और राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया है। वहीं, चंपई सोरेन समन्वय समिति के चेयरमैन होंगे। इसके बाद हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
चंपई सोरेन के आवास पर हुई थी बैठक
इससे पहले चंपई सोरेन के आवास पर विधायकों की बैठक हुई। बैठक में तय किया गया है कि हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल के नेता होंगे। बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अलावा हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेत और पत्नी कल्पना सोरेन भी शामिल थे।
28 जून को जेल से रिहा हुए थे हेमंत सोरेन
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 28 जून को करीब पांच महीने बाद जेल से रिहा किया गया था। जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में अदालत से जमानत मिलने बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया। हेमंत ने 31 जनवरी को गिरफ्तार होने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था।