Home » आदिमानव का क्रमिक विकास है आदिवासी,आदिवासी हमारे पूर्वज: प्रदेश महासचिव सिंह
Breaking छत्तीसगढ़ राज्यों से

आदिमानव का क्रमिक विकास है आदिवासी,आदिवासी हमारे पूर्वज: प्रदेश महासचिव सिंह

छत्तीसगढ़ प्रादेशिक मानव संसाधन विकास समिति के प्रदेश महासचिव बिरेंदर सिंह ने समिति के प्रमुख,प्रदेश अध्यक्ष लॉ एस एन पटेल एवं सभी पदाधिकारियों की ओर से विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए व्यक्तिगत रूप से श्री बिरेंदर सिंह ने अपील करते हुए कहा है कि आदिवासी समाज आदिमानव का ही क्रमिक विकास मानव स्वरूप है जिन्होंने प्राकृतिक वातावरण में रहन सहन को अपनाया और जो मैदानी क्षेत्र में बस गए वो हम सब हैं ,इसलिए आदिवासी हमारे पूर्वज हैं,आदिवासी को जाति नहीं अपितु जीवन पद्धति है जो प्रकृति से अपनी जरूरतों को लेती है और बदले में प्रकृति का संरक्षण करती है,इनका हृदय बहुत पवित्र होता है।श्री सिंह ने आगे कहा कालांतर में यही भोले भाले आदिवासी पावर तथा गलत इरादे वाले लोगों से भ्रमित होकर नक्सली बन गए, जिसमें दोष वहां कार्यरत कंपनियों का भी है,जो एमआईयू के अनुसार जंगल उजाड़ तो देते हैं पर जंगल बसाते नहीं,अर्थात अनुपात अनुसार पेड़ नही लगाते,जिस कारण जंगल खतम हो रहे हैं,नदियां और वातावरण दूषित हो रहा है।श्री सिंह ने सभी आदिवासी समाज से आग्रह किया है की सरकार से भागीदारी करके कंपनियों के एमआेयू का अक्षरस पालन करवाने में सरकार और प्रशासन की सहायता करें और हिंसा को खत्म करें ताकि आदिवासी समाज के बच्चे भी हम सब के साथ घुल मिल शांति से रहें और मुख्यधारा में अच्छे पदों पर पहुंच कर राष्ट्र की प्रगति में उल्लेखनीय योगदान दें।

About the author

NEWSDESK

Advertisement

Advertisement