मुन्ना भाई एमबीबीएस की कहानी में एक बिना डिग्री वाले शख्स के मरीजों का इलाज करने का दावा किया गया था, लेकिन यह सिर्फ एक फिल्म की कहानी है.थाईलैंड में कुछ ऐसा ही एक असली मामला सामने आया है. एक शख्स, जिसने सिर्फ 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी, उसने खुद को डॉक्टर होने का दावा किया, बल्कि मरीजों की सर्जरी भी की. हैरानी की बात है कि ये वो पिछले 20 साल से ऐसा कर रहा था.
ऑडिटी सेंट्रल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फर्जी डॉक्टर ने खुद को एक प्रतिष्ठित कॉलेज से पढ़ा हुआ डॉक्टर बताया और अपनी क्लिनिक खोल दी. उसके पास लोग अपनी प्राइवेट समस्याओं से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए आते थे. वह इन समस्याओं से संबंधित छोटी-मोटी सर्जरी करता था और मरीजों को यह यकीन दिलाता था कि उनका मर्ज पूरी तरह से ठीक हो गया. उसके भरोसे और आत्मविश्वास से भरे बयानों ने लोगों को उसके पास खींच लिया, जिससे वह एक प्रतिष्ठित डॉक्टर के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा.
कैसे खुली करतूत
शुरू में उसकी मीठी बातों पर लोग विश्वास कर गए, जिससे उसकी क्लिनिक में मरीजों की लंबी लाइन लगने लगी. लेकिन उसकी काली करतूत तब सामने आई जब एक मरीज को ऑपरेशन के बाद गंभीर इंफेक्शन हो गया.जब वह दोबारा डॉक्टर के पास पहुंचा, तो डॉक्टर ने टालमटोल करना शुरू कर दिया. डॉक्टर के असंवेदनशील रवैये और संतोषजनक जवाब न देने पर मरीज को शक हुआ. शक बढ़ने पर मरीज ने पुलिस से संपर्क किया और पूरी घटना की शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से इस फर्जी सर्जन को पकड़ लिया. जब उसे गिरफ्तार किया गया, तो उसने स्वीकार किया कि न तो उसने मेडिकल की कोई पढ़ाई की थी और न ही उसके पास कोई मेडिकल लाइसेंस था. किट्टीकोर्न सॉन्गस्री के खिलाफ अवैध क्लिनिक चलाने और बिना लाइसेंस प्रैक्टिस करने के आरोप लगाए गए हैं. इसके अलावा, पीड़ित मरीज ने भी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है.
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