बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण ने अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सुकन्या समृद्धि योजना के क्रियान्वयन में ढिलाई बरतने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के डीपीओ सुरेश सिंह को शो कॉज नोटिस जारी किए। पीएम जनमन योजना के अंतर्गत बैगा बिरहोर जैसे अत्यंत पिछडें आदिवासी समूह के पात्र बच्चों को सुकन्या समृद्धि योजनाओं का लाभ दिलाने में लापरवाही दिखाई गई है। समग्र रूप से जल जीवन मिशन, स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग में योजनाओं में संतृप्ति स्तर का लक्ष्य पाने में और तेजी से काम करने के कड़े निर्देश दिए। नगर निगम आयुक्त अमित कुमार एवं जिला पंचायत सीईओ रामप्रसाद चौहान सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर ने राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वन में पिछले 10 दिनों में क्या प्रगति हुई, इसकी जानकारी ली। राजस्व विभाग के अंतर्गत नक्शा बटांकन के कामों में धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को साप्ताहिक लक्ष्य देकर समीक्षा करने कहा है। टीएल के पूर्व कलेक्टर एसडीएम एवं अपर कलेक्टरों की बैठक अलग से बैठक लेकर समीक्षा करेंगे। कलेक्टर ने धान खरीदी की तैयारी की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि किसानों को पंजीयन कार्य में किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। देखें कि पंजीयन में किसी तरह की फर्जीवाड़ा नहीं होने चाहिए। उन्होंने नरेगा योजना के तहत मजदूरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। फिलहाल मात्र 2000 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री आवास के निर्माण शुरू हो जाने पर मानव दिवस बढ़ने चाहिए।
मनरेगा के तहत बने डबरियों में मछलीपालन की कार्य-योजना बनाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि आवास निर्माण में स्वीकृति से लेकर अंतिम किस्त मिलने तक किसी भी स्तर पर गड़बड़ी स्वीकार नहीं की जायेगी। दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर ने कहा कि लखपति दीदियों द्वारा कई प्रकार की सामग्रियों का उत्पादन किया जा रहा है। सभी अधिकारी अपने कार्यालय, स्कूल एवं हॉस्टल में उपयोग के लिए जरूरत की चीजें इन्ही दीदियों से खरीदना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने जोगीपुर में बन रहे गो अभ्यारण्य की प्रगति की भी समीक्षा की। प्रथम चरण में 100 गायों से शुरूआत की जायेगी। नलकूप खनन एवं समतलीकरण का कार्य किया जा चुका है। आयुष्मान कार्ड बनाने के कार्य में भी थोड़ी तेजी आई है। ओटीपी आधारित निर्माण के साथ-साथ बायोमेट्रिक्स मशीन के जरिए इनका निर्माण शुरू किया गया है।