Monday, December 8

किडनी में पथरी से पीड़ित- अगर आपकी किडनी में पथरी है तो आपको पपीता नहीं खाना चाहिए। पपीता में विटामिन सी काफी होता है, जो एक रिच एंटीऑक्सीडेंट है। ज्यादा पपीता खाने से किडनी में पथरी की समस्या और बढ़ सकती है। पपीता खाने से कैल्शियम ऑक्सलेट की कंडीशन पैदा हो सकती है जिससे किडनी का स्टोन बड़ा हो सकता है।
हाइपोग्लाइसीमिया वाले लोग- डायबिटीज से पीड़ित लोगों को पपीता फायदा करता है। इससे ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद मिलती है। लेकिन जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल पहले से ही कम है उन्हें पपीता नहीं खाना चाहिए। यानि जो लोग हाइपोग्लाइसीमिया से परेशान हैं उन्हें पपीता खाने से परहेज करना चाहिए। इससे हार्ट बीट तेज या शरीर में कंपन की समस्या हो सकती है।
हार्टबीट कम ज्यादा हो सकती है- पपीता हार्ट के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन अगर आपको इरेगुलर हार्टबीट की समस्या है तो पपीता नहीं खाना चाहिए। एक रिसर्च में पता चला है कि पपीता में साइनोजेनिक ग्लाइकोसाइड होता है, जो एक तरह का अमीनो एसिड है। इससे पाचन तंत्र में हाइड्रोजन सायनाइड का उत्पादन करता है। अगर आप इरेगुलर हार्टबीट की समस्या से परेशान हैं तो पपीता खाना आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान- प्रेगनेंट महिलाओं को पपीता नहीं खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि पपीता में लेटक्स होता है, जो गर्भाशय के संकुचन को ट्रिगर कर सकता है। इसकी वजह से बच्चा समय से पहले पैदा हो सकता है। पपीता में पपैन होता है जिसे शरीर प्रोस्टाग्लैंडीन समझने की भूल कर सकता है। जिससे आर्टिफिशियली लेबर पेन इंड्यूस हो सकते हैं। पपीता खाने से भ्रूण को सपोर्ट करने वाली झिल्ली भी कमजोर हो सकती है।
एलर्जी वाले लोगों को- पपीता उन लोगों को नहीं खाना चाहिए जो किसी तरह की एलर्जी से पीड़ित हैं। पपीता के अंदर एक एंजाइम होता है जिसे चिटिनेज कहते हैं। ये एंजाइम लेटेक्स पर क्रॉस रिएक्शन कर सकता है। इससे आपको छींक आना, सांस लेने में तकलीफ, खांसी या आंखों से जुड़ी समस्या होने का खतरा रहता है।

[metaslider id="184930"
Advertisement Carousel
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031