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शासन प्रशासन वर्ग भरत बनकर करे जनसेवा तभी आयेगा राम राज्य, होगी मानवाधिकारों की रक्षा

छत्तीसगढ़ प्रादेशिक मानव संसाधन विकास समिति के प्रदेश महासचिव बिरेंदर सिंह के विश्व मानव अधिकार दिवस की सभी को बधाई प्रेषित करते हुए कहा की संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवाधिकारों की पहली वैश्विक घोषणा और नए संयुक्त राष्ट्र की पहली प्रमुख उपलब्धियों में से एक, मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा की 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अंगीकरण और उद्घोषणा का सम्मान करने के लिए तिथि का चयन किया गया था,तथा संयुक्त मानव अधिकार आयोग अस्तित्व में आया तथा कई राष्ट्र ने भी अपने देश में मानव अधिकार आयोग कि स्थापना की परंतु वर्तमान समय में मानव अधिकारों कि स्तिथि बहुत चिंताजनक है,कई राष्ट्र के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री या तो अपने ही सेना द्वारा तख्ता पलट के डर के साए में जी रहे हैं अथवा कहीं कहीं कई राष्ट्र अध्यक्ष तानाशाह बनकर राज कर रहें हैं जिसमे आम लोगों को मानव अधिकारों (सम्मान,स्वंत्रता,न्याय, समानता,सुरक्षा)आदि से वंचित होना पड़ता है ।श्री सिंह ने भारत को लोकतंत्र का एक आदर्श राष्ट्र बताते हुए कहा की भारत की संवैधैनिक अधिकारों में मानव अधिकारों का उल्लेख है,जिसकी पालना भी होती है परंतु इस युग में राम जन्म नही लेंगे ,इसलिए शासन/प्रशासन वर्ग को अपने आपको भरत समझ कर ,और संविधान को श्री राम द्वारा जनता के पालन के लिए आदर्श नियम मान कर जनहित के कार्य किए जाएं तो निश्चित रूप से श्री राम राज्य जैसी खुशाली,समृद्धि ,शांति आयेगी और जो कभी कभार कुछ सक्षम शासकीय लोगों द्वारा मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामले आते हैं ,वो भी नही आएंगे । देश और देश वासियों दोनो का कल्याण होगा.

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