कांग्रेस ने राज्य में भाजपा सरकार के एक साल के कार्यकाल को विफल बताते हुए प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन किया। सभी जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों में जिला/शहर कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में “1 साल छत्तीसगढ़ बदहाल” शीर्षक वाले पोस्टर प्रदर्शन किए गए। शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार की विफलताओं पर पोस्टर प्रदर्शन कर जनता का ध्यान आकृष्ट कराया।
प्रदर्शन के मुख्य मुद्दे
कांग्रेस द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों में बलौदाबाजार अग्निकांड, लोहारीडीह हत्याकांड, बलरामपुर पुलिस अभिरक्षा में मौत, आदिवासी फर्जी मुठभेड़, हसदेव जंगल की कटाई, महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और बदहाल कानून व्यवस्था शामिल है। कांग्रेस नेताओं ने इन घटनाओं को भाजपा सरकार की विफलता का प्रतीक बताते हुए मौन-प्रदर्शन किया।
1 साल, 17 योजनाएं बंद : दीपक बैज
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि साय सरकार ने एक साल में जनता की भलाई के लिए चल रही 17 जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया। इनमें राजीव मितान योजना, गोधन न्याय योजना, बेरोजगारी भत्ता, सीएम कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी, और मुख्यमंत्री सुपोषण योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं।
बैज ने कहा, “भाजपा सरकार की उपलब्धियां सिर्फ पिछली सरकार की योजनाओं को बंद करने तक सीमित हैं। यह दुर्भावनापूर्ण और जनविरोधी सरकार है, जिसने जनता को निराश किया है।”
विष्णुदेव सरकार पूरी तरह विफल
दीपक बैज ने भाजपा के एक साल के कार्यकाल को “कुशासन और भ्रष्टाचार का दौर” करार दिया। उन्होंने कहा: राज्य में हत्याएं, मॉब लिंचिंग, गोलीबारी और अपराध तेजी से बढ़े हैं। बलात्कार और सामूहिक बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि हुई है। नक्सली हमलों में बढ़ोतरी के बावजूद सरकार कोई ठोस नीति नहीं बना सकी। राज्य में गौ तस्करी और लूटपाट की घटनाएं आम हो गई हैं।
बैज ने कहा, “साय सरकार के सुशासन का दावा पूरी तरह झूठा साबित हुआ है। राज्य में अराजकता का माहौल है और जनता को बेसहारा छोड़ दिया गया है।”
जनता से अपील
कांग्रेस ने आम जनता से अपील की है कि वे सरकार की विफलताओं को पहचानें और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।
यह विरोध प्रदर्शन कांग्रेस की ओर से जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और भाजपा सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।