सनातन धर्म में अमावस्या तिथि विशेष महत्व रखती है. आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है. मान्यता है इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान करना शुभ फलदायी होता है. इससे आपको पापों से मिल सकती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति. ऐसे में आइए जानते हैं, इस साल कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि कब है और क्या उपाय करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
कब है आषाढ़ अमावस्या –
- आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 24 जून को शाम 7 बजे शुरू होगी और 25 जून को शाम 4.02 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार, 25 जून 2025 यानी बुधवार को मनाई जाएगी.
कौन सा बन रहा है शुभ योग –
- इस दिन वृद्धि योग, गुरु आदित्य योग का शुभ संयोग बन रहा है. इस समय दान पुण्य करना फलदायी होगा.
- आपको बता दें कि आषाढ़ अमावस्या पर गजकेसरी योग का भी संयोग बन रहा है, ऐसे में आषाढ़ी अमावस्या का फल दोगुना हो जाएगा.
आषाढ़ अमावस्या को क्या करें उपाय –
- इस दिन आप सुबह स्नान करने के बाद आटे की गोलियां बनाकर किसी तालाब में डालिए और मछलियों को खिलाएं. इससे तरक्की में आ रही बाधा खत्म होगी.
- इस दिन आप तर्पण, श्राद्ध, ब्राह्मण भोज आदि कराने से पितर तो खुश होते हैं साथ ही, देवी लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है.
- इस दिन आप 5 लाल फूल और 5 जलते दिए बहती नदी में प्रवाहित कर दीजिए. इससे शत्रु शांत होते हैं. काम में आने वाली अड़चन दूर होती है.
- साथ ही इस दिन आप 9 कन्याओं को भोजन भी करा सकते हैं. इससे पैसों से जुड़ी परेशानी कम होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.)