राजनांदगांव। केंद्रीय विद्यालय में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने बड़े-बड़े लोग अप्रोच लगाते है, लेकिन प्रवेश चुनिंदा लोगों के बच्चों को ही मिल पाता है और इसमें कई बार योग्य बच्चे वंचित हो जाते है। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल विगत कुछ महीनों से केंद्रीय विद्यालय राजनांदगांव में प्रवेश में हुई गड़बड़ी को लेकर लगातार शिकायत कर रहे है, लेकिन उनकी शिकायत को नस्तीबद्ध कर दिया गया और जांच में यह बता दिया गया कि स्पांसरिंग कोटे के तहत चेयरमेन यानि कलेक्टर को अपने विवके के अनुसार अनुशंसाएं करने का अधिकार है और इस बात को प्रमाणित करने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली के परिपत्र दिनांक 6 अगस्त 2020 का उल्लेख किया गया है।

श्री पॉल का कहना है कि स्पांसरिंग कोटे के तहत् प्रायोजक अभिकरण के कर्मचारियों के बच्चों यानि सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को ही केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश देने का प्रावधान है, यानि जो व्यक्ति सरकारी कर्मचारी नहीं है, उनके बच्चों को इस कोटे के तहत् प्रवेश नहीं दिया जा सकता है और चेयरमेन यानि कलेक्टर के अनुशंसा करने के पश्चात् ही केंद्रीय विद्यालय में बच्चों को प्रवेश दिया जाता है, क्योंकि ऐसा केंद्रीय विद्यालय संगठन की वर्ष 2020-21 के प्रवेश मार्गदर्शिका में इसका उल्लेख है और इसी बात को पुन: केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली के परिपत्र दिनांक 6 अगस्त 2020 में भी इसका उल्लेख किया गया है, लेकिन इस परिपत्र में ऐसा कहीं भी यह उल्लेख नही है कि स्पांसरिंग कोटे के तहत् चेयरमेन यानि कलेक्टर अपने विवेक के अनुसार अनुशंसाएं कर सकते है और जो व्यक्ति सरकारी कर्मचारी नहीं है उनके भी बच्चों को प्रवेश दिया जा सकता है। श्री पॉल ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली का परिपत्र दिनांक 10 अप्रैल 2019 में अनुसार स्पांसरिंग कोटे के तहत् चेयरमेन यानि कलेक्टर अपनी मर्जी से किसी को भी प्रवेश दिलाने के लिए अनुशंसाएं नहीं कर सकते है। प्रवेश दिलाने में वरीयता सूची के अनुसार प्रवेश दिया जाएगा, लेकिन कई ऐसे व्यक्तियों के बच्चों को प्रवेश देने की अनुशंसा किया गया है, जो सरकारी कर्मचारी नहीं है और वरीयता सूची को भी पूरी रीति से बाईपास करते हुए प्रवेश दिया गया है, जिसको लेकर लिखित शिकायत किया गया है, लेकिन जांच अधिकारी ने निष्पक्षता से जांच नहीं किया और शिकायत को नस्तीबद्ध कर दिया गया, अब इस मामले की शिकायत सतर्कता विभाग, नई दिल्ली से किया गया है।












