Thursday, December 11

भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ ही सुबह का नहाना किसी जंग से कम नहीं लगता. ठंडी हवा, कांपती बॉडी और गुनगुने पानी की तलब… लेकिन जरा सोचिए, अगर बाहर का तापमान माइनस 71 डिग्री सेल्सियस हो तो नहाना कैसा अनुभव होगा? यही सच्चाई है रूस के साइबेरिया के ओयम्याकोन गांव की…जिसे ‘पोल ऑफ कोल्ड’ कहा जाता है. यहां नहाना किसी रोमांचक एडवेंचर जैसा नहीं, बल्कि एक सर्वाइवल मिशन जैसा होता है.

बर्फ में नहाने का राज: ‘बान्या’ नाम का गर्मघर

यहां के लोग रोज नहीं नहाते, बल्कि खास दिन तय होते हैं. वजह? इतनी ठंड में पानी तो छोड़िए, साबुन भी बॉडी पर लगते ही जम जाता है, इसलिए यहां लोग नहाने के लिए ‘बान्या’ (Banya) नाम के पारंपरिक बाथहाउस का इस्तेमाल करते हैं. ये लकड़ी के छोटे घर होते हैं, जिनमें अंदर घंटों आग जलाकर गर्माहट तैयार की जाती है.

एक लोकल महिला क्युन बी ने यूट्यूब पर बताया, ‘सुबह लकड़ी इकट्ठा करना, बान्या गरम करना…पूरा दिन इसी में चला जाता है. जब अंदर तापमान 80-100 डिग्री तक पहुंचता है, तभी जाकर हम नहाते हैं. बाहर निकलते वक्त बॉडी पर ऑयल या क्रीम लगाना जरूरी होता है, नहीं तो स्किन फट जाती है.’

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