Thursday, December 11

हिंदुस्तानी हुकूमत, देश के खुफिया तंत्र और दिल्ली पुलिस को जिसकी आशंका थी वही बबाल शुरु हो चुका. मतलब किसान ट्रैक्टर रैली से पहले किसान नेताओं के शांतिपूर्ण रैली के बड़े-बड़े दावे उनके अपने किसानों ने ही दिल्ली की सड़कों पर पहुंचते ही, ट्रैक्टर के पहियों के नीचे कुचल-रौंद डाले. लिहाजा राजधानी में बबाल मचना था सो मचना शुरु हो चुका है. आलम यह है कि, पुलिस और किसान दिल्ली की सड़कों आमने-सामने जूझ रहे हैं. पुलिस किसान नेताओं को तलाश रही है. किसान नेता हैं कि, अधिकांश के मोबाइल फोन स्विच्ड ऑफ आ रहे हैं. जो पुलिस के हाथ लगे भी हैं, अपनी पर उतरे किसानों में से कोई उनकी बात सुनने-समझने को राजी नहीं है. लिहाजा बेबस हुए किसान नेताओं की अकर्मण्यता के चलते बेकाबू हुए किसानों को, अब काबू करने के लिए दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों को सीधे-सीधे आमने-सामने का मोर्चा लेना पड़ रहा है. ऐसा नहीं है कि, दिल्ली के किसी एक एंट्री प्वाइंट हालात बदतर और पुलिस बेहाल हो. कमोबेश गाजीपुर बार्डर, नोएडा बार्डर (अक्षरधाम मंदिर रोड), सराय काले खाँ, सिंघु बार्डर, टीकरी बार्डर पर एक से ही बदतर हालात हो चुके हैं. हालात काबू करने में, दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के सामने सबसे ज्यादा मुश्किल आ रही है नेशनल हाईवे-9 (24) निजामुद्दीन ब्रिज, अक्षरधाम रोड, सराय काले खांं इलाके में. क्योंकि यहां से इंडिया गेट बेहद करीब है. हालात देखने से लग रहा है कि, इन दिशाओं से किसान किसी रैली को जल्दी से जल्दी इंडिया गेट इलाके में ले जाने को आतुर हैं. क्योंकि उनके लिए यह रास्ता इंडिया के सबसे करीब है. बबाल तो अन्य सीमा प्रवेश द्वारों पर भी मचा है, मगर उन सबसे इंडिया गेट दूर है. हांलांकि, सुरक्षा बल किसान रैली को काबू करके उसे, उनके पूर्व निर्धारित रुट्स पर डायवर्ट करने के लिए हर जगह जूझ रहे हैं. कुछ जगह पर सुरक्षा बलों को आँसू गैस के गोले दागने पड़े हैं. कई जगह हल्का बल प्रयोग करके रैली को खदेडऩा पड़ा है. बार-बार किसानों का दिल्ली में घुसने का प्रयास उनकी, नीीयत में खोट को साफ साफ जाहिर कर रहा है. हालात सबसे पहले लोनी बार्डर पर बीती रात खराब हुए थे. जब यहां सैकड़ों ट्रैक्टर पुलिस-सुरक्षा बलों को धता बताकर, दिल्ली की सीमा में घुस पड़े. चूंकि किसान ट्रैक्टरों पर सवार थे और सुरक्षा बल सड़कों पर. ऐसे में अचानक आई उस आफत का सामना भी सुरक्षा बल नहीं कर सके. लिहाजा भगदड़ मची देख और खुद को बेकाबू हुआ देख, मौजूद सुरक्षा बलों ने रात करीब 10 बजे ही अतिरिक्त बल मौके पर बुलाया. तब दिल्ली की सीमा में घुसे किसानों को मय ट्रैक्टरों के बैंरग यूपी में भेजा जा सका.
अचानक हालात हुए बेकाबू
तय यह था कि, रैली दोपहर 12 बजे के बाद से शुरु होकर शाम 5 बजे तक दिल्ली के पूर्व निर्धारित मार्गों पर रहेगी. इसमें भी सिर्फ और सिर्फ पांच हजार ट्रैक्टर और किसान शामिल होंगे. दिन निकला तो दिल्ली शहर और ट्रैक्टर रैली व किसानों का आलम ही एकदम बदला हुआ था. किसानों की जिस टीम को जहां से दाव लगा, वो उधर से ही दिल्ली में घुस पड़ी. जिससे अचानक हालात बेकाबू हो गये. अब पता चला है कि, किसान रैली दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय की देहरी पर ही जा धमकी है. सोचिये ऐसे में देश की राजधानी की कानून व्यवस्था का आलम कितना बदतर हो चुका हो कि, जहां पुराने पुलिस मुख्यालय के भीतर मौजूद आला पुलिस अफसरान खुद ही अघोषित रुप से बंधक बन चुके हों. दूसरी ओर अचानक शहर की बिगड़ी कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने रखवाने के लिए पुलिस ने किसान नेताओं को तलाशना शुरू किया. पता चला कि, इन किसान नेताओं में से अधिकांश के मोबाइल फोन ही स्विच्ड ऑफ या फिर आउट ऑफ रीच शो कर रहे हैं. जिनसे बात हो रही है पुलिस की, बेकाबू हुई ट्रैक्टर रैली में शामिल किसान उनकी बात सुनने को राजी नहीं है. फिलहाल दोपहर एक बजे खबर लिखे जाने तक दिल्ली के अधिकांश सीमांत इलाकों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. पुलिस-अर्धसैनिक बल किसी भी तरह से किसान रैली में शामिल ट्रैक्टरों को इंडिया और नई दिल्ली जिले में पहुंचने की जद्दोजहद से जूझ रहे हैं. भले ही कहीं से अभी तक किसी अप्रिय घटना की खबर न हो. मगर हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं. शहर में अफरा-तफरी का माहौल है. सुरक्षा बल किसी भी कीमत पर ट्रैक्टर रैली को प्रतिबंधित मार्गों पर न जाने देने के लिए जूझ रहे हैं. जबकि अपनी पर उतरे किसान ट्रैक्टरों संग प्रतिबंधित इलाके में या तो घुस चुके हैं. या फिर घुसने की हरसंभव कोशिशों में जुटे हैं.

[metaslider id="184930"
Advertisement Carousel
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031