राजनांदगांव। जिले में स्वास्थ्य विभाग की सबसे पहली प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण है। माना जा रहा है कि, कोविड का टीका जितने ज्यादा लोगों को लगाया जाएगा, उतनी ही जल्दी कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। इसी विश्वास के साथ जिले में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों का भी टीकाकरण शुरू कर दिया गया है। वहीं कोरोना को हराना है…के निश्चय के साथ कई लोग अब स्वप्रेरणा से पहल करते हुए अपना टीकाकरण कराने लगे हैं। टीकाकरण के बाद लाभार्थी को 30 मिनट तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा जा रहा है। टीकाकरण के बीच राहत की बात यह भी है कि जिलेभर में किसी भी लाभार्थी में टीका का कोई प्रतिकूल असर सामने नहीं आया है। टीकाकरण के बाद लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जा रहा है, जिसमें टीकाकरण होने की जानकारी दी गई है। वहीं टीका लगाने के पहले लाभार्थी से एक प्रोफार्मा भरवाया जा रहा है, जिसमें टीकाकरण के लिए सहमति का जिक्र है। जिला अस्पताल में टीकाकरण के लाभार्थी झुमुकलाल धनकर ने बताया, टीकाकरण से पहले मैं बहुत रहा था, लेकिन सुबह जब टीकाकरण हुआ तो कुछ भी असहज नहीं लगा और अब तक मैं बिल्कुल ठीक हूं। अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि, टीका वास्तव में सुरक्षित है। अर्जुन पटेल ने कहा, माता-पिता को कोरोना का टीका पहले ही लगवा चुका हूं और आज मैंने भी लगवा लिया। टीका लगाने के बाद डॉक्टरों ने मुझे आधा घंटा तक अस्पताल में ही बैठने को कहा और इस अवधि के बाद भी मुझे टीका का प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखा। अब मेरे माता-पिता और मैं, सभी कोरोना संक्रमण के खतरे से सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया, लोग निश्चिंत होकर कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं। कोविड-19 की यह वैक्सीन सुरक्षित है जिससे कोरोना की गंभीर बीमारी की रोकथाम की जा सकती है। जिले में जिला अस्पताल के साथ ही विभिन्न स्थानों पर टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है। सुखद बात यह भी है कि कोरोना टीका से प्रतिकूल प्रभाव होने का जिले में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है और अब तो लोग स्वयं प्रेरित होकर भी वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचने लगे हैं। डॉ. चौधरी ने लोगों से अपील की है, टीकाकरण के पश्चात भी सावधानी आवश्यक है। लाभार्थी लापरवाही न बरतें। वैक्नीनेशन के बाद भी समय-समय पर हाथों को सैनेटाइज करें, मास्क जरूर लगाएं तथा दो गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करें।
कोविड-19 वैक्सीन सभी के लिए सुरक्षित
कोविड टीका सभी प्रमाणित वैक्सीन पूरी प्रक्रिया के गुजरने का बाद ही स्वीकृत की गई है और पूर्णतया सुरक्षित है। टीकाकरण के पश्चात लाभार्थी को किसी प्रकार की परेशानी होने की स्थिति में प्रबंध के लिए सत्र स्थल पर एनाफलीसिस कीट एवं अड्वर्स इवेंट्स फालोइंग इमुनाइजशन (एईएफआई) कीट की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके लिए संबंधित टीकाकर्मी एवं चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार टीकाकरण के उपरांत किसी भी प्रकार की चिकित्सीय परेशानी अगर टीका लगवाने वाले को होती है तो उसे एइएफआई यानी एडवर्स इवेंट्स फोलोइंग इम्यूनाइजेशन की संज्ञा दी जाती है। यह स्थिति कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है और यह जरुरी भी नहीं है कि टीकाकरण ही इसकी वजह हो। टीकाकरण को लेकर आशंका, मन में घबराहट का होना एवं टीकाकरण के समय गलत तकनीक का इस्तेमाल आदि भी इसकी वजह हो सकते हैं। ज्यादातर एइएफआई के लक्षण जैसे जी मितलाना, घबराहट, टीके वाली जगह सूजन एवं सर में दर्द आदि का प्रबंधन आसानी से किया जा सकता है। इसी तरह कुछ लोगों में जी मचलाना, टीके वाली जगह सूजन एवं सिर में दर्द आदि लक्षण देखने को मिले हैं, जो सामान्य है।
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