रायपुर। राजधानी रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार जिया उल हसन के निधन पर रायपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष दामु आम्बेडारे ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। जिया भाई के प्रति अपनी भावनाओं को शब्दों का रूप देते हुए दामु भाई ने अपने शोकसंदेश में लिखा कि छत्तीसगढ़ के जुझारू पत्रकार, रायपुर प्रेस क्लब की स्क्रूटनी कमेटी के सदस्य और मेरी अपनी जाती ज़िंदगी में मेरे हमसफऱ, मेरे दिल अजीज, मेरे भाई, मार्गदर्शक, सचेतक और कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष में साथ देने वाले जिया उल हसन दुनिया ए फानी से रुखसत हो गए। पैंतीस साल से कदम मिलाकर साथ चलने वाला जब हमेशा के लिए जुदा होता है तो ऐसा महसूस होता है, जैसे जिस्म से जान जुदा हो गई हो। जिया भाई ने बीती रात इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। इसके पहले जब अचानक उनकी तबियत नासाज़ हुई तो उन्होंने मुझे खुद इत्तिला दी। तमाम इंतज़ाम हुए कि जिया भाई जल्द से जल्द तंदुरुस्त होकर पहले की तरह हम सबके बीच सक्रिय होंगे। लेकिन किस्मत को ये मंजूर नहीं था! बिल्कुल भी आशंका नहीं थी कि कुछ ही घंटों में जिया भाई की धड़कन थम जायेगी। जैसे ही उनके इंतकाल की मनहूस खबर मिली, जिया धक्क से रह गया। ऐसा सदमा इतनी जल्द लग सकता है, कभी अंदेशा नहीं था। अच्छे भले चुस्त दुरुस्त तंदुरुस्त जिया भाई एकाएक बीमार होने के पहले तक प्रेस क्लब परिवार के हितों के लिए फिक्रमंद थे। रायपुर सहित प्रदेश भर में संक्रमण का शिकार होकर बीमार हो रहे तथा असमय काल के गाल में समा रहे पत्रकार साथियों और उनके परिवार के लिए हर संभव प्रयास करने में साथ निभा रहे जिया भाई खुद अपने परिवार और हम सभी साथियों को रोता छोड़ गए। यह पीड़ा असहनीय है। जिया भाई के अपने परिवार पर जो वज्र आघात हुआ है, उसका दर्द हम गहराई से महसूस कर रहे हैं। बस इतना ही कह सकता हूं कि जान चली जाय, जिया नहीं जाय, जिया जाय तो फिर जीया नहीं जाय..! जिया भाई के बिना जीना खालीपन का अहसास करा रहा है, मगर उनकी याद हमेशा साए की तरह हमारे साथ होगी। नेकदिल जिया भाई को जन्नत नसीब हो…विनम्र श्रद्धांजलि…