Saturday, December 13

 रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के काम-काज की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में खेती-किसानी को समृद्ध बनाने के लिए सिंचाई जरूरी है। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को मनरेगा के तहत किसानों के खेत के निचले हिस्से में कुंआ और तालाब (डबरी) का निर्माण कराने के निर्देश दिए ताकि खेतों के ऊपरी हिस्से का वर्षा जल कुंओं और तालाब में संग्रहित हो सके। जिससे किसान आवश्यकता के अनुसार पानी लिफ्ट कर सिंचाई कर सके। उन्होंने आवश्यकतानुसार किसानों को पंप उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने वन अधिकार अधिनियम के तहत वनभूमि के पट्टाधारी कृषकों को भी सिंचाई सुविधा के लिए कुंआ एवं तालाब से लाभान्वित किए जाने की बात कही। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती रेणु जी पिल्ले, सचिव श्री आर. प्रसन्ना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की प्रगति की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारियों को बस्तर अंचल में ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्य में स्थानीय युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कहीं, ताकि निर्माण कार्य को समयावधि में पूरा किया जा सके। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से स्वीकृत एवं निर्मित आंगनबाड़ियों को मुख्यमंत्री ने आकर्षक रूप से रंग-रोगन और वहां बच्चों के लिए खेल सुविधाएं सुलभ कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के विकास, महिला समूहों द्वारा संचालित आय मूलक गतिविधियों में मदद एवं मार्गदर्शन के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नोडल की जिम्मेदारी सौंपी। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को वर्षा जल के संग्रहण एवं भू-जल संवर्धन के लिए नालों में स्माल स्ट्रक्चर बनाने का कार्य प्राथमिकता से कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य के भू-जल समस्या मूलक 24 विकासखण्डों में नाला उपचार सहित नदियों एवं नालों में उपयुक्त स्थलों में मिट्टी का डाईक वाल बनाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य के धान उपार्जन केन्द्रों में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन चबूतरों के उपर शेड निर्माण कराए जाने के भी निर्देश दिए ताकि उपार्जित धान का सुरक्षित रख-रखाव हो सके। बैठक में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण श्रीमती रेणु जी. पिल्ले ने बताया कि राज्य में मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 669 लाख मानव दिवस अर्जन कर 107 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की गई है। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए वृहद पैमाने पर तालाब निर्माण एवं गहरीकरण, डबरी, कुंआ, चेकडैम, स्टॉपडेम, सोकपिट, नहर लाईनिंग, सिंचाई नाले का निर्माण कराया जा रहा है। वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मनरेगा के तहत लगभग 85 हजार निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए जिनमें से 37 हजार कार्य पूरे कराए जा चुके है शेष निर्माणाधीन है। बैठक में राज्य ग्रामीण आजीविका बिहान, रूर्बन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), स्वच्छ भारत मिशन, विशेष परियोजना, उत्थान, मिलाप, सृष्टि के साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य की 12 हजार 178 बसाहटों में से 10924 बसाहटों को पक्की सड़कों से जोड़ने की स्वीकृति के विरूद्ध अब तक 10446 बसाहटों को जोड़ा जा चुका है। योजना के तहत 8539 स्तीकृत सड़कों में से 7530 सड़कों का निर्माण पूरा करा लिया गया है, जिनकी लम्बाई 37 हजार 848 किलोमीटर है।

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