भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं. देश में तीसरे लहर के आने की संभावना भी जतायी जा रही है. इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि ”भारत में कोविड-19, एंडेमिक की अवस्था में पहुंचता हुआ प्रतीत हो रहा है , जहां वायरस का ट्रांसमिशन लो से मीडियम स्तर तक होगा.”
डॉक्टर स्वामीनाथन ने ये बात ऐसे वक़्त में कही है जब भारत में कोरोना के रोज़ाना 40 हज़ार तक मामले सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य मामलों के जानकार, लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. एंडेमिक क्या है, इससे लोगों पर क्या प्रभाव होगा और भारत में कोरोना के एंडेमिक बन जाने के क्या मायने होंगे? इन सभी सवालों के जवाब हमने वायरोलॉजिस्ट्स की मदद से समझने की कोशिश की.
एंडेमिक क्या है?
देश के जाने-माने वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर टी जैकब ज़ॉन ने मार्च 2020 में ही एक साइंस पेपर लिखा था जिसमें उन्होंने तथ्यों के आधार पर ये आशंका जताई थी कि ये बीमारी पैनडेमिक से एंडेमिक बन सकती है.
एंडेमिक किसी भी बीमारी की वो अवस्था है जो लोगों के बीच हमेशा के लिए बनी रहती है.













