फ़िरोज़ाबाद के कौशल्यानगर मोहल्ले की रहने वाली 12 वर्षीया शिवानी को चार दिन पहले तेज़ बुख़ार हुआ. घर वाले फ़िरोज़ाबाद के सरकारी अस्पताल ले गए लेकिन एक सितंबर को उनकी मृत्यु हो गई.
दो दिन बाद, यानी तीन सितंबर को शिवानी का जन्मदिन था. शिवानी की मां राधा सदमें में हैं कि बेटी जन्मदिन से दो दिन पहले ही उन्हें छोड़कर चली गई.
कौशल्यानगर मोहल्ले में शिवानी की तरह दर्जनों बच्चे तेज़ बुख़ार से पीड़ित हैं. कुछ को फ़िरोज़ाबाद के ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया है लेकिन ज़्यादातर बच्चे घर में ही डॉक्टरों की बतायी कुछ दवाओं के सहारे ज़िंदा हैं.
राधा की पड़ोसी उषा बताती हैं, “मेरे तीन बच्चे बीमार हैं. तीनों को पिछले कई दिन से बुख़ार आ रहा है. मोहल्ले में ऐसा कोई घर नहीं है जहां बच्चे बीमार न हों. अस्पताल में जगह ही नहीं है. कुछ बच्चों को भर्ती कर लिया गया लेकिन बाक़ी सब यहीं चारपाई पर पड़े हैं. दवाई लाए हैं, वही दे रहे हैं.”
कौशल्यानगर फ़िरोज़ाबाद के उन मोहल्लों में से एक है जहां बुख़ार से सबसे ज़्यादा पीड़ित लोग हैं. पीड़ित लोगों में ज़्यादातर बच्चे ही हैं, हालांकि कुछ वयस्क भी बुख़ार से पीड़ित हैं और तीन वयस्कों की अब तक मौत हो चुकी है. जबकि मरने वाले बच्चों की संख्या पचास तक पहुंच चुकी है.













