ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि यानी 25 मई दिन बुधवार से नौतपा शुरु हो रहा है. इस दिन से अगले 09 दिनों तक सूरज की तपिश बढ़ जाएगी. तापमान बढऩे से गर्मी बढ़ेगी, जिससे आंधी, तूफान की आशंका बढ़ेगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो नौतपा प्रारंभ होता है. सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में 25 मई लेकर 08 जून तक रहेंगे. इसमें से नौतपा 02 जून तक रहेगा. 25 मई दिन बुधवार को सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश होगा. सूर्य देव 08 जून दिन बुधवार को सुबह 06 बजकर 40 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र से बाहर हो जाएंगे. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी कहते हैं कि ज्योतिष में सूर्य की इस स्थिति के कारण अशुभ संकेत मिलते हैं. इस दौरान देश के कुछ हिस्सों में दैवीय आपदाएं आ सकती हैं. आइए जानते हैं कि नौतपा में क्या करें और क्या न करें.
नौतपा में क्या न करें
- नौतपा के 09 दिनों में आंधी, तूफान की आशंकी बनी रहती है, ऐसे में शादी, मुंडन या अन्य मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए.
- नौतपा में सूर्य की प्रचंड गर्मी के कारण धरती का तापमान बढ़ जाता है, इस स्थिति में यात्रा करने से बचें अन्यथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं.
- नौतपा के समय में तेल, मसाला, गरिष्ठ भोजन करने से बचना चाहिए. इन दिनों में अत्यधिक भोजन करना भी सेहत के लिए हानिकारक होता है.
- इस समय में मांसाहार या तामसिक भोजन न करें. यह सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकता है.
नौतपा में क्या करें - नौतपा के समय में हल्का और सुपाच्य भोजन करें, जो आसानी से पच सके.
- इस समय में आपको जल का अधिक सेवन करना चाहिए, ताकि शरीर में जल की कमी न हो.
- इस समय में पशु पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें. छत पर या खुले में पक्षियों के लिए दाना पानी रखें. इससे पुण्य मिलता है.
- नौतपा में लोगों को शीतल जल पिलाएं. इसके लिए घर के बाहर मि_ी के घड़े में पानी रख सकते हैं. वैसे भी ज्येष्ठ माह में जल का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है. सूर्य देव प्रसन्न होते हैं.
- पेड़ पौधों में भी उचित जल की व्यवस्था करें. हरे पेड़ पौधों की सेवा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं.
- नौतपा में उन फलों का सेवन और दान करें, जिसमें जल की मात्रा अधिक होती है. इस समय में पंखा का दान करना भी पुण्यकारी होता है.













