मथुरा. राजस्थान के भरतपुर स्टेट के राजा मान सिंह के 35 साल पहले हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में मथुरा के जिला एवं सत्र न्यायलय ने बुधवार को सजा का ऐलान कर दिया। कोर्ट ने सभी दोषी 11 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पुलिस एनकाउंटर में राजा मानसिंह सहित 3 की मौत हुई थी। कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के अनुसार, धारा 148 में 2 वर्ष का कारावास और 1 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। धारा 302, 149 में आजीवन कारावास और 10 हजार जुर्माना लगाया गया है। अदालत के फैसले पर राजा मानसिंह के परिजनों ने खुशी जाहिर की है। राजा मान सिंह की बेटी दीपा ने इस दौरान कहा कि न्याय देर से ही मिला पर मिला। वहीं, आरोपी पक्ष के वकील ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
क्या है मामला?
दरअसल, 21 फरवरी 1985 को उस समय राजा मान सिंह की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गयी थी, जब वह चुनाव प्रचार के दौरान डीग अनाज मंडी में थे। इस फर्जी एनकाउंटर मामले के मुख्य आरोपी डीएसपी कान सिंह भाटी समेत 17 पुलिसवाले आरोपी थे।
राजा मान सिंह पर थे ये आरोप
एनकाउंटर से एक दिन पूर्व राजा मान सिंह पर राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के हेलीकॉप्टर तथा मंच को अपने जोगा गाड़ी से तोडऩे का आरोप लगा था। इसके लिए राजा मान सिंह के खिलाफ दो अलग-अलग मुकदमे भी कायम हुए थे. घटना के वक्त राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और शिव चरण माथुर मुख्यमंत्री थे। इस मामले में डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 17 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र सीबीआई ने दाखिल किया था। इस मामले की सुनवाई मथुरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही थी। (एजेंसी)