रायपर। राज्य आंदोलनकारी छ.स.पा., प्रदेश किसान नेता अनिल दुबे,लालाराम वर्मा,चेतन देवांगन, अशोक ताम्रकार, गोवर्धन वर्मा, ईश्वर साहू, अशोक कश्यप ने कहा है कि भारत में राज्यपाल सत्ताधारी दल का एजेंट मात्र रह गया है। मुख्यमंत्री का अधिकार है विधानसभा सत्र बुलाए। दिल्ली के इशारे पर राज्यपाल संवैधानिक नियमों को ताक में रखकर राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने के आवेदन को खारिज कर रहे हैं जो लोकतंत्र में घातक सिद्ध होंगे।कांग्रेस को प्रयोग स्वरूप भारत में जिन-जिन प्रदेशों में कांग्रेस की सत्ता या साझेदारी में सत्ता है।वहाँ 48 घण्टे में सत्र हेतु राज्यपाल से आवेदन करें।जिससे समझ में आ जायेगा कि विधानसभा सत्र नहीं लगने देने का निर्देश दिल्ली द्वारा केवल राजस्थान के लिये है या कांग्रेसी एवं विपक्षी सरकारों के लिए है।कांग्रेस के लिए यह कहावत लागू होती है जो तलवार के बल पर राज्य करते हैं वे एक दिन तलवार से कट जाते हैं कांग्रेस द्वारा राज्यपालों का दुरुपयोग कांग्रेस को ले डूबी।
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