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रसोईया संघ का प्रदर्शन शुरू, कलेक्टर दर पर वेतनमान देने की मांग

रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ रसोईया संघ ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। रसोईया संघ नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे है। महिलाए सिर पर कलश रखकर धरना स्थल पहुंची है। रसोईया संघ कलेक्टर दर पर वेतनमान देने की मांग कर रहे है। प्रदर्शन करने वाली महिलाएं स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने का काम करती है। मध्यान्ह भोजन रसोइया महासंघ के अध्यक्ष नीलू ओगरे ने बताया कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (मिड-डे मील योजना) अंतर्गत छत्तीसगढ़ प्रदेश 33 जिलों के 146 विकासखंडों में संचालित 45610 शालाओं में अध्ययनरत 2993170 के लिए 87026 रसोइया भोजन बनाने हेतु नियोजित किया गया है। रसोइया एवं रसोइया सह सहायिका का मानदेय वर्तमान में 1500/- प्रतिमाह है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में केवल 10 माह के लिए ही देय होता है। यह मानदेय अत्यंत कम है, जिससे रसोइया एवं रसोइया सह सहायिका को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मानदेय में बढ़ोतरी किये जाने हेतु अनेक आवेदन-निवेदन किये परन्तु सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है, जिससे हम व्यथित एवं आक्रोशित है। फलस्वरूप अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन करने मजबूर है। इस आन्दोलन में प्रदेश के समस्त रसोइया सम्मिलित होंगे। उल्लेखनीय है सरकार के जनघोषणा-पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ स्कूल के अन्य कर्मचारियों को कलेक्टर दर के अनुसार वेतन दिए जाना उल्लेख है। (कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के पृष्ट-27) प्रदेश के समस्त रसोइया 28 फरवरी को अपने-अपने-जिला से पदयात्रा करते हुए रायपुर धरना स्थल तुता नवा रायपुर में धरना प्रदर्शन कर रहे है एवं 3 बजे विधानसभा घेराव के लिए निकलेगी तथा प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जावेगा।

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