प्रयागराज में एक सात साल की मासूम के साथ दिल को दहला देने वाली दरिंदगी की गई है। ये दरिंदगी उसे गोद लेने वाली मां ने ही की है। इस मामले में महिला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और पूछताछ जारी है।
दरिंदगी के बाद छुपाने की कोशिश– बच्ची के साथ दरिंदगी करने के बाद महिला ने उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया। वो भी आर्मी अस्पताल में, लेकिन डॉक्टरों को सच्चाई नहीं बताई। जब डॉक्टर जांच करने लगे तब बच्ची के साथ दरिंदगी की कहानी सामने आई। लड़की की जांच के दौरान डॉक्टरों को उसके शरीर पर न केवल प्रताड़ना के निशान मिले बल्कि उसके गुप्तांग से लकड़ी के टुकड़े भी मिले।
पुलिस ने हिरासत में लिया – शनिवार सुबह बच्ची को अस्पताल लाने वाली महिला का दावा है कि उसने नाबालिग को गोद लिया था। हालांकि, लड़की की चोटों के बारे में पूछे गए सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार आरोपी महिला ने शुक्रवार देर शाम डॉक्टर सिद्धार्थ पांडे को फोन किया और बताया कि 7 साल के बच्चे को भाई-बहन के झगड़े में मामूली चोटें आई हैं। अगली सुबह, वह लड़की के साथ अस्पताल गई। जहां लड़की की स्थिति देखर डॉक्टर हैरान रह गए।
प्राइवेट पार्ट में लकड़ी के टुकड़े – डॉक्टरों की जांच में बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा भी मिला। डॉक्टर ने कहा- “एक एक्स-रे से उसके शरीर पर कई पुरानी और नई चोटों का पता चला, जिसमें उसके निजी अंग भी शामिल थे। इसके बाद एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ने उसकी जांच की तो उसके गुप्तांग में लकड़ी के टुकड़े मिले। बच्ची का हाथ भी टूटा हुआ था। चोटों को देखते हुए हमने पुलिस को सूचित किया।”
बच्ची का बयान -आरोपी महिला शहर के धूमनगंज इलाके के एक अपार्टमेंट की रहने वाली है और उसका पति एक नामी स्कूल में शिक्षक है। महिला ने दावा किया कि उसने कानपुर के एक आश्रय गृह से लड़की को गोद लिया था, लेकिन लड़की ने कहा है कि उसकी मां की मृत्यु और उसके पिता द्वारा छोड़ होने के बाद आरोपी उसे घर ले आई थी। बच्ची ने यह भी खुलासा किया कि उसे नियमित रूप से भूखा रखा जाता है और एक महीने में 14 दिनों से अधिक समय तक खाना नहीं दिया जाता।
मामले को दबाने की कोशिश – NBT की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में आरोपी महिला ने मामले को दबाने की कोशिश की। शुरुआत में आरोपी परिवार ने डॉक्टरों को गुमराह किया, फिर अपार्टमेंट के केयर टेकर ने भी रिपोर्टरों पर दवाब बनाने की कोशिश की। नींवा चौकी प्रभारी शिव प्रताप वर्मा पर भी शुरुआती जांच में लापरवाही बरतने का आरोप है।