छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में मंगलवार को 9 नक्सलियों ने हथियार सहित आत्मसमर्पण कर दिया. ये सारे स्थानीय हैं और इन्होंने एसपी मोहित गर्ग के समक्ष हथियार भी सौंपे. बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के पुलिस विभाग को मंगलवार को एक बड़ी सफलता मिली. जिले के पुलिस कप्तान के सामने 9 पूर्व नक्सलियों ने सरेंडर किया है. बताया जा रहा है कि सभी पूर्व नक्सलियों ने शासन की नीति और सिविक एक्शन कार्यक्रम से प्रभावित होकर आत्म समर्पण किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने पुलिस को 1 आईईडी और 3 भरमार बंदूक भी सौंप दी है. जिसके बाद झारखंड से लगे छत्तीसगढ़ के इलाके में नक्सलियों की चहलकदमी कम होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. सरगुजा संभाग का नक्सल प्रभावित बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का आधे से ज्यादा इलाका पड़ोसी राज्य झारखंड की सीमा से लगा है. इस इलाका के बूढ़ा पहाड़ को करीब दो दशक से नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाना जाता रहा है. जिले के सामरी, चांदों , कुसमी, थाना क्षेत्र में नक्सली चहलकदमी की खबर पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बनी हुई है. नक्सलियों की इस चहलकदमी को देखते हुए पुलिस ने पिछले कुछ महीनों में अपनी चौकसी बढ़ा दी थी. इन इलाकों में पुलिस पेट्रोलिंग बढऩे के साथ नक्सल गढ़ के रूप में पहचान बना चुके बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में नक्सलियों की आमदरफ्त कम होने के दावे किए जाने लगे थे. पुलिस की कवायद तेज होने के साथ ही पुलिस नक्सल प्रभावित इलाकों में सिविक एक्शन प्रोग्राम चला रही है. जिसका असर अब दिखने लगा है. पुलिस के सिविक प्रोग्राम से प्रभावित होकर अब सामरी थाना क्षेत्र भुताही, चुनचुना, पुंदाग, जैसे आस पास के गांव से निकलकर कभी नक्सल संगठन में शामिल 9 पूर्व नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष अपने हथियार डाल दिए हैं. सभी ने जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के सामने सरेंडर किया है. सरेंडर करने वालों में कथित रीजनल कमेटी के कमांडर विमल यादव, एरिया कमांडर नवीन यादव के दस्ते में शामिल रहा है. स्थानिय होने के कारण इन पूर्व नक्सलियों को इलाके का बेहतर ज्ञान था. इसलिए ये नक्सली सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने और पुलिस सर्चिंग टीम का सफाया करने के लिए रास्ते में आईईडी लगाने के साथ संतरी का काम करते थे. एक साथ 9 नक्सलियों के सरेंडर के बाद स्वाभाविक तौर पर पुलिस कप्तान मोहित गर्ग खुश नजर आए. मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये अलग-अलग गांवों से नक्सल संगठनों से जुड़े रहे, लंबे समय तक नक्सल दस्ते से जुड़े रहे. इस बीच क्षेत्र में सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव व नए सीआरपीएफ कैम्प की स्थापना के बाद नक्सली बैकफुट पर हैं. जिन पूर्व नक्सलियों ने सरेंडर किया है. ये नक्सलियों के लिए सुरक्षित ठिकानों जैसे गुफा और सुरंग का निर्माण किया करते थे. इसके साथ ही सामरी थाना क्षेत्र में जेसीबी में हुई आगजनी की घटनाओं में भी संलिप्त रहे है. इनके द्वारा आईईडी व 3 भरमार बंदूक पुलिस को सौंपी गई है.
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