भारत में शादी को लेकर हाल ही में एक सर्वे हुआ है। इस सर्वे में हैरान करने वाली बात सामने आई है। रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले कुछ वर्षों में अरेंज मैरिज 24 प्रतिशत घट गया है।
वेडिंग वायर इंडिया ने हाल ही में शादी को लेकर एक सर्वे किया। इस सर्वे के मुताबिक, साल 2020 में 68 प्रतिशत कपल ने अरेंज मैरिज की थी, लेकिन 2023 में महज 44 प्रतिशत नए जोड़ों का विवाह अरेंज था। यानी अरेंज मैरिज के आंकड़े में तीन सालों के अंदर 24 प्रतिशत गिरावट आई है।
वेडिंग वायर इंडिया के मार्केटिंग हेड अनम जुबैर का कहना है कि देश का शहरी मध्यम वर्ग लव मैरिज को सहजता से स्वीकार कर रहा है।
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया कि देश के 41 फीसदी जोड़े ऐसे हैं, जो अपनी शादी की योजना लगभग 4-6 महीने पहले ही बना लेते हैं। हालांकि 1 से 3 महीने में शादी का फैसला लेने वाले 32 प्रतिशत कपल होते हैं। भारत में 72 प्रतिशत मामलों में इंगेजमेंट का समय 6 महीने से कम का होता है।
भारत में शादी के लिए अपने बच्चों के लिए जीवनसाथी परिवार के लोग तलाशते हैं। इसे अरेंज मैरिज कहा जाता है, जिसमें लड़का या लड़की के लिए जीवनसाथी को परिवार पसंद करता है। अरेंज मैरिज में अधिकतर दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे को पहले से नहीं जानते और दो अजनबी एक होते हैं।
लव मैरिज यानी प्रेम विवाह। इस तरह की शादी में लड़का या लड़की अपना जीवनसाथी खुद तलाशते हैं। एक दूसरे को अच्छे से जान समझ कर शादी करते हैं। अरेंज मैरिज हो या लव मैरिज, दोनों के ही अपने फायदे हैं।