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4 जुलाई से शुरू हो रहा सावन, बन रहा है शुभ योग

इस बार सावन में 19 साल बाद दुर्लभ योग बन रहा है। इस बार सावन मास 59 दिनों का होगा। इस योग में महादेव की पूजा बहुत शुभ मानी जाती है। इस बार सावन 4 जुलाई से शुरू हो रहा है। पहला सोमवारी 10 जुलाई को होगा। माना जा रहा है कि इस दिन कई दुर्लभ योग मन्ने जा रहे है। इस बार सावन 59 दिनों का होगा और सावन महीने में आठ सोमवार पड़ेंगे। 18 जुलाई को मलमास शुरू होगा जो 16 अगस्त तक रहेगा। सावन मास 31 अगस्त को समाप्त होगा। इस बार सावन मलमास या पुरुषोत्तम मास की वजह से दो महीने का होगा। कई दुर्लभ योग भी सावन में बन रहे हैं।

अधिकमास में नहीं होता है सूर्य का राशि परिवर्तन
अधिकमास में सूर्य संक्राति नहीं होती है। इस बार 16 जुलाई को कर्क संक्रांति और 18 से सावन का अधिकमास शुरू होगा। 16 अगस्त को अधिकमास खत्म होगा और 17 तारीख को सिंह संक्रांति रहेगी। अधिकमास को अधिमास, मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं।

मलमास क्यों कहते हैं?
अधिकमास में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं। इस महीने में सूर्य संक्राति नहीं होती है। इस कारण इस महीने को मलिन माह यानी मलमास माना गया है। मलमास में नामकरण, यज्ञोपवित जैसे संस्कार भी नहीं किए जाते हैं।

पुरुषोत्तम मास क्यों कहते हैं?
इस संबंध में प्रचलित कथा के अनुसार अधिकमास को शुभ नहीं माना जाता था। इस कारण कोई भी देवता इस महीने का स्वामी नहीं बनना चाहता था। तब अधिकमास ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। अधिकमास की प्रार्थना सुनकर विष्णु जी ने इस महीने को खुद का सर्वश्रेष्ठ नाम पुरुषोत्तम नाम दिया। तब से इस माह को पुरुषोत्तम मास कहा जाने लगा। इस महीने में भागवत कथा पढ़ना-सुनना, मंत्र जप, पूजन, धार्मिक अनुष्ठान, दान आदि शुभ कर्म किए जाते हैं।

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