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रायपुर जिले में डेंगू के कोई भी प्रकरण नही पाए गए

कलेक्टर ने आमजनों से डेंगू से बचाव के लिए सावधानी बरतने की अपील

रायपुर. जिले में डेंगू संक्रमक बीमारी डेंगू को सर्तकता बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में 01 जनवरी से 31 जुलाई तक कोई भी डेंगू के प्रकरण नहीं पाए गए है। कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने नागरिकों से अपील की है कि अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें। प्रति सप्ताह ड्राई-डे अवश्य मनाएं। कूलर को हफ्ते में एक बार अवश्य साफ करें। पानी से भरें टंकियों, बर्तनों आदि को ढक कर रखें। डेंगू के लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर की सलाह लें और उपचार कराएं। बरसात का मौसम शुरु होते ही वेक्टर जनित रोगों के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। बरसात के मौसम में मुख्य रुप से मलेरिया एवं डेंगू के प्रकरण अधिक आते है। रायपुर जिला मलेरिया की दृष्टि से कम इन्सीडेंस वाले जिलो में आता है। डेंगू को लेकर जिले का स्वास्थ्य विभाग सजग रहते हुये कार्य कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1 जून से 31 जुलाई के मध्य 4 हजार 355 घरों का भ्रमण किया गया। जिसमें 7 हजार 291 कूलर, पानी की टंकी इत्यादि की जांच की गई। साथ ही मलेरिया और डेंगू का परीक्षण किया गया। जिसमें कोई भी घनात्मक प्रकरण नही पाए गए। जिला वेक्टर जनित रोेग नियत्रंण ईकाई द्वारा जिले में वेक्टर जनित रोगो के रोकथाम जून माह को मलेरिया रोधी माह के रुप में मनाया गया  तथा इसमें डेंगू वेक्टर एडिज के ब्रीडिंग को खत्म करने के लिए सोर्स रिडक्शन की कार्यवाही की गई । टीम द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर डेंगू के प्रति समुदाय में जनजागरुकता की गई तथा जुलाई माह से प्रति सप्ताह ड्राई डे मनाने के लिए शहरी एवं ग्रामीण मितानिनों का जन समुदाय के सहयोग से प्रति सप्ताह ड्राई डे मनाने के निर्देश दिये गए। डेंगू के जांच के लिए सभी विकासखण्डों तथा शहरी क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू रैपिड किट उपलब्ध है। जिसमें धनात्मक आने पर सैम्पल एलाइजा टेस्ट के लिए भेजा जाता है। जिला अस्पताल पण्डरी रायपुर में डेगू मरीजों के लिए वार्ड बनाया गया है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण ईकाई द्वारा रैपिड किट में धनात्मक पाये जाने पर धनात्मक मरीज के आस-पास 100 घरो में सोर्स रिडक्शन की कार्यवाही करते हुये टेमीफास नामक लार्वी साइड डालने के निर्देश दिए गए हैं। डेंगू के लक्षण- डेंगू बुखार एक आम वायरस जनित संचारी रोग है, जो एडिज मच्छर काटने से फैलता है। इसके लक्षण अचानक तेज बुखार, सिर दर्द व, मांसपेशियों तथा जोड़ो में दर्द होना,आखों के पीछे दर्द, जी. मिचलाना एवं उल्टी लगना, आंतरिक रक्त स्त्राय, त्वचा पर चकते उभरना और गंभीर मामलों में नाक मुह मसूड़ो से खून आना आदि है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डेंगू फैलाने वाला मच्छर एडिज रुके हुए साफ पानी में पनपता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है इसलिए ऐसे कपड़े पहने जो बदन को पूरी तरह ढक कर रखे, डेंगू के उपचार  के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पैरासीटामाल टेबलेट ले सकते है साथ ही डॉक्टर की सलाह ले। डेंगू घातक भी हो सकता है। समय पर उपचार न होने से जान भी जा सकती है। डेंगू मच्छर को अपने अंडे देने के लिए बहुत कम पानी की आवश्यकता होती हैं। एडिज मच्छर के अंडे कई दिनों तक बिनों तक बिना पानी के भी रह सकते है। डेंगू होने पर घबराये नहीं और समीप के स्वास्थ्य केंद्रों में जाए और सोते समय मच्छरदानी लगाए।

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