नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच देशभर में गणेश चतुर्थी की धूम है। कोरोना से बचने के एहतियात और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग गणेश चतुर्थी की तैयारी में जुटे हैं। इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 21 अगस्त से शुरू होकर 30 अगस्त तक मनाया जाएगा, जिसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को 10वें दिन विसर्जित किया जाएगा है। शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की प्रतिमा की 1, 2, 3, 5, 7, 10 आदि दिनों तक पूजा करने के बाद उसका विसर्जन करते हैं।
भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त…

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 21 अगस्त दिन शुक्रवार को रात 11 बजकर 02 मिनट से हो रही है। यह तिथि 22 अगस्त दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। गणेश चतुर्थी पर गणेश चतुर्थी की पूजा दोपहर के मुहू्र्त में ही पूजा की जाती है क्योंकि गणेश जी का जन्म दोपहर में हुआ था। ऐसे में 22 अगस्त के दिन गणपति जी की पूजा के लिए दोपहर में 02 घंटे 36 मिनट का समय है। दिन में 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट के मध्य गणपति जी की पूजा कर लें।
भगवान गणेश की पूजा में इन सामग्री का करें उपयोग…

सुबह जल्दी उठकर गणेश चतुर्थी के दिन सोने, चांदी, तांबे और मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर षोडशोपचार विधि से उनका पूजन करें। उन्हें 21 लड्डुओं या मोदक का भोग लगाएं। पूजा के दौरान लाल रंग की चौकी, जल भरा कलश, लाल रंग का कपड़ा, पंचामृत, रोली, मोली, लाल चंदन, शुद्ध जनेऊ के साथ गंगाजल, सिंदूर चांदी का वर्क और लाल फूल का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही धानी सुपारी लौंग, इलायची नारियल फल दूर्वा, दूब पंचमेवा घी का दीपक धूप, अगरबत्ती और कपूर लें, लेकिन भगवान को भोग लगाते समय उनका पसंदीदा मोदक जरुर लें। (एजेंसी)