बरसों पहले एक कहावत बहुत चलन में थी जो यह है कि खेलोगे-कूदोगे तो बनोगे खराब, पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब। लेकिन धीरे-धीरे समय बदलता गया और लोग अपने शुरुआती दौर में पढ़ाई के साथ-साथ खेल को अपनाते गये। स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए खेल को भी जरूरी माना गया। अब जो देखने को मिल रहा है वो यह है कि आज के बच्चे खेल में भी कई सफलता के झंडे गाड़े है। इसी कड़ी में कुमारी रत्ना मंडल कैरम की एक अनमोल रत्न है जिन्होने कई दफे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है। अपने खेल जीवन में रत्ना ने भी कई सफलता के झंडे गाड़े है।
छत्तीसगढ़ बालकोनगर कोरबा की बालिका कुमारी रत्ना मंडल पिता स्व.आर के मंडल ने इंडोर गेम अंतर्गत कैरम में पिछले 15 वर्षों से छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर, राज्य का नाम अनेकों बार गौरवान्वित किया है। कुमारी रत्ना का मानना है कि वैसे तो शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए जीवन में खेल आवश्यक है, लेकिन खेलों में क्या खेल बेहतर है, तो मैंने कैरम को अपनाया। उन्होंने बताया कि कैरम खेलने से एकाग्रता बढ़ती है और साथ ही शारीरिक एवं मानसिक विकास भी होता है। इसलिए उन्होंने बताया कि उनका शुरु से ही कैरम के प्रति खास लगाव था और बढ़ती उम्र के साथ इसे अपने जीवन में अपना भी लिया।
रत्ना की उपलब्धि का विवरण निम्रवत है-1 वर्ष 2008 नगर गौरव सम्मान बालको कोरबा।
2 शहीद पंकज विक्रम सम्मान वर्ष 2014-15 में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के हाथों सम्मानित।
3 इंदिरा गांधी सम्मान वर्ष से 2019-2020 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों सम्मानित।
4 छह बार जिला एवं राज्य चैम्पियन (छत्तीसगढ़ राज्य) सत्र 2010 में पहला सीनियर नेशनल गेम असम में खेला गया तथा 9 बार नेशनल गेम खेल चुकी है।
5 मार्च 2020 में मनी प्राइज ऑल इंडिया मैच हुआ था, जिसमें इन्होंने थर्ड रैंक प्राप्त किया और उन्हे 11000 (ग्यारह हजार रुपये ) से पुरस्कृत किया गया था।
विशेष-9 बार राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन, 5 फेडरेशन कप 5बार, 7 बार स्टेट चैम्पियन, शहीद पंकज विक्रम अवार्ड, राजीव गांधी अवार्ड।