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वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये विभागीय समीक्षा, गिरदावरी में वास्तविक रकबे का सत्यापन के निर्देश

गरियाबंद। रायपुर संभाग के संभागायुक्त जी.आर. चुरेन्द्र ने आज दोपहर एनआईसी के कक्ष में वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से राजस्व, ग्रामीण एवं पंचायत विकास, कृषि तथा शासन के महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंस में जनपद और तहसील स्तर पर भी अधिकारी जुड़े थे। एनआईसी कक्ष में कलेक्टर छतर सिंह डेहरे, एडीएम जे.आर. चौरसिया, सभी अनुविभागीय अधिकारी एवं कृषि अधिकारी मौजूद थे। कमिश्नर श्री चुरेन्द्र ने वर्तमान खरीफ फसल प्रविष्टि गिरदावरी की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि गिरदावरी करते समय वास्तविक रकबा का सत्यापन कर प्रविष्टि करें। यदि खेतों में डबरी, फार्म हाउस या अन्य निर्माण कार्य हुए है, तो उसे गिरदावरी में स्पष्ट रूप से दिखाये। उन्होंने डायवर्टेट भूमि का भी सत्यापन करने के निर्देश दिये। गोधन न्याय योजना की समीक्षा में अभी तक खरीदे गये गोबर का समय-पर प्रसंस्करण करने के निर्देश दिये है, ताकि उसका गुणवत्तपूर्ण जैविक खाद तैयार किया जा सके। गौठानों के नियमित निरीक्षण करने तथा अपूर्ण गौठानों को पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। श्री चुरेन्द्र ने शासकीय भूमि और लोक प्रयोजनों के भूमि में हुए अतिक्रमण को अभियान चलाकर हटाने के निर्देश दिये। राजस्व अधिकारियों को कृषि एवं उद्यान विभाग केे अधिकारियों के साथ फसलों का सत्यापन करने के भी निर्देश दिये है। उन्होंने सभी तहसील एवं जनपद कार्यालयों के आंतरिक लेखा परीक्षण रोस्टर के अनुसार वार्षिक कार्यालय निरीक्षण का रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा कार्यालयों के बेहतर प्रबंधन करने के निर्देश दिये हैं। सभी शासकीय कार्यालयों में साफ-सफाई सुनिश्चित करने तथा इसके लिए श्रमदान अभियान चलाने कहा गया है। उन्होंने कहा कि कार्यालयों को स्मार्ट ऑफिस के रूम में तब्दील किया जाए। तहसील कार्यालय के रिकार्ड रूम को एक माह के भीतर बेहतर प्रबंधन के संचालन के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह से ई-कोर्ट के माध्यम से सुनवाई होगी, अत: इसकी तैयारी समय पर कर ले। श्री चुरेन्द्र ने राजस्व प्रशासन के सुदृढ़करण पर भी सुझाव दिये। उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को प्रति सप्ताह विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेने के निर्देश दिये है। साथ ही ग्रामीण सचिवालय और खण्ड स्तर सचिवालय को नियमित रूप से संचालित करने और भू-अभिलेख रिकार्ड और ऑनलाईन सॉफ्टवेयर में मिलान के निर्देश दिये। बाढ़ अतिवृष्टि से हुए नुकसान की राहत राशि भी एक सप्ताह के भीतर प्रकरण बनाकर ऑनलाईन भुगतान करने के निर्देश दिये है। श्री चुरेन्द्र ने मनरेगा अंतर्गत स्वीकृत सभी कार्यो को पूर्ण करने तथा मांग के आधार पर नवीन कार्य स्वीकृत करने कहा है। पंचायत के आय का स्त्रोत बढ़ाने के लिए सामुदायिक बाड़ी या ग्राम उपवन के रूप में विकसित करने कहा गया। इसके अलावा कांजी हाऊस में बेहतर प्रबंधन, एनजीटी के प्रावधानों का अनुपालन तथा आगामी धान खरीदी के लिए बारदाने की व्यवस्था संबंधी विषयों पर चर्चा कर आवश्यक मार्गदर्शन दिये गये।

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