हाल ही में भारतीय रेलवे ने एक ट्रेन का नाम ऐसा रख दिया, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों बवाल मचा हुआ है. जहां कुछ लोग रेलवे को खूब खरी खोटी सुना रहे हैं. वहीं कुछ नाम को लेकर खूब मौज भी ले रहे हैं. दरअसल, कई बार गूगल की मदद से किया गया ट्रांसलेट अर्थ का अनर्थ कर देता है. ऐसा ही एक ट्रांसलेशन रेलवे ने भी कर दिया. ट्रांसलेशन की इस चूक के चलते रेलवे को यह फजीहत झेलनी पड़ रही है. आइए समझते हैं कि भारतीय रेलवे से यह बड़ी गड़बड़ कैसे हो गई.
यूं तो भारतीय रेलवे देश को जोड़ने में अहम भूमिका निभाती है. यही वजह है कि भारतीय ट्रेनों को देश की लाइफलाइन का दर्जा दिया गया है. रोजना कई ट्रेनें एक जगह से दूसरी जगह लोगों को पहुंचाती हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि, इन हजारों ट्रेनों में से एक ‘मर्डर एक्सप्रेस’ के नाम से भी चल रही है. बताया जा रहा है कि, मलयालम भाषा के ट्रांसलेट करने में हुई गलती की वजह से ये सब हुआ है. दरअसल, रेलवे ने हटिया का मलयालम भाषा में ट्रांसलेशन ‘कोलापथकम’ कर दिया, जिसका हिंदी में मतलब होता है- हत्यारा. अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन दिनों हटिया-एर्नाकुलम एक्सप्रेस पर ‘हटिया’ नाम के एक बोर्ड की फोटो जमकर वायरल हो रही है, जिसके बाद से ही रेलवे को आलोचनाओं का सामना करना पड़ गया.
गलत नाम का बोर्ड वायरल होने के बाद रेलवे अधिकारियों ने भी अपनी गलती मान ली है. इस बीच एक अधिकारी ने कहा कि, यह गलती हिंदी शब्द ‘हत्या’ को लेकर भ्रम की वजह से हुई, जिसका मतलब है- हत्या. रेलवे अधिकारियों ने इस पर एक्शन लेते हुए फटाफट ट्रेन के नाम को पीले रंग से पोतकर ढक दिया गया. उन्होंने कहा कि इस गलती को संज्ञान में लिया गया है. साथ ही ट्रेन के नाम में भी सुधार किया गया है. बता दें कि, हटिया एर्नाकुलम एक्सप्रेस (Hatia Ernakulam Express) झारखंड की राजधानी रांची के पास स्थित शहर हटिया को केरल के एर्नाकुलम से जोड़ती है, जिसे धरती आबा एक्सप्रेस (Dharti Abba Express) के नाम से भी जाना जाता है. यही वजह है कि, ट्रेन का पर उसका नाम हिंदी, अंग्रेजी और मलयालम में लिखा रहता है.
सोशल मीडिया पर लोगों ने निकाली भड़ास
इंटरनेट पर धड़ल्ले से वायरल हो रहा ट्रेन के बोर्ड का फोटो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसे देख चुके एक यूजर ने लिखा, ‘चुप रहो और उन्हें इस बारे में नहीं बताना.’ दूसरे यूजर ने लिखा, ‘जब आप गूगल ट्रांसलेट पर हद से ज्यादा निर्भर हो जाते हैं तो ऐसा होता है.’ (ndtv.in)