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भोरमदेव अभ्यारण्य में डेड लीफ बटरफ्लाई से आकर्षित हो रहे पर्यटक

कवर्धा। कवर्धा के भोरमदेव अभ्यारण्य अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन यहां एक और जीव है जो पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। हम बात कर रहे हैं डेड लीफ बटरफ्लाई की, जिसे वर्ष 2020 में देश की राष्ट्रीय तितली के रूप में चयनित किया गया था। डेड लीफ बटरफ्लाई के अलावा यहां 20 अन्य प्रजाति की तितलियां पाई जाती हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। कवर्धा के वनमंडलाधिकारी शशि कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार वन्य जीव प्रेमी व सिम्स के वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं प्राध्यापक डॉक्टर रविकांत दास ने 10-11 अप्रैल को भोरमदेव अभ्यारण्य भ्रमण किया था, जहां उन्हें राष्ट्रीय तितली- ऑरेंज ओक लीफ बटरफ्लाई (डेड लीफ बटरफ्लाई) (Kalimbainachu) देखने को मिली।   डॉक्टर रविकांत दास ने बताया कि उन्हें अभ्यारण्य में ऑरेंज ओक लीफ बटरफ्लाई (डेड लीफ बटरफ्लाई) (Kalimbainachu) जिसे वर्ष 2020 में देश की राष्ट्रीय तितली चयनित किया गया था, देखने का अवसर मिला। ज्ञात हो की जब भी प्राणियों द्वारा छद्म धारण का उदहारण दिया जाता है तो सबसे पहले डेड लीफ का नाम लिया जाता है। ये जब अपने पंख बंद कर लेती है तो एक सूखी हुई पत्ती की हु-बहु लगती है और इस तरह से अपने भक्षियों को चकमा देती है। अगर कोई शिकारी जीव, उसकी उड़ान के दौरान आक्रमण कर देता है, तो यह अपने पंख बंद कर जमीन में सूखे पत्तियों के ढेर मे छुप जाती है और शिकारी लाख कोशिशों के बाद भी उसे खोज नहीं पाताद्य परन्तु खुले पंखों में इसकी सुन्दरता की कोई मिसाल नहीं है। गहरे हल्के नीले रंग के आवरण में नारंगी रंग के चौड़े पट्टे अत्यंक मोहक लगते है। यही वजह है की इसे राष्ट्रिय तितली का दर्जा मिल पाया है। उनकी उपस्थिति भोरमदेव वन्य जीव अभ्यारण्य को ख़ास बनाती है और यहाँ ख्यति में चार चाँद लगाती है। अन्य तितिलियों की तुलना में इनको ढूंढ पाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि ये अन्य तितलियों की तरह उड़तीनहीं रहती बल्कि पेड़ों के तने अथवा पत्तियों पर चिपकी रहती है बिना किसी हलचल के और कभी कभार ही उड़ती है, बहुत ही कम समय के लिए और बहुत ही तेज गति सेद्य जब मै फोटो खिंच रहा था तब वह इतनी फुर्ती से उड गयी की मुझे खुले पंखों में फोटो खीचने का मौका ही नहीं मिला, और उड़ने के बाद कहाँ गायब हुई पता ही नहीं चला। भोरमदेव वन्य जीव अभ्यारण्य का वह ट्रेल अप्रतिम है जिसमे अभ्यारण्य की जीवनदायिनी सकरी नदी को 23 बार पार करना होता है और रास्ते में एक बहुत ही सुन्दर झरना भी है। ऑरेंज ओक लीफ बटरफ्लाई (डेड लीफ बटरफ्लाई) (Kalimbainachus) के अलावा 20 अन्य तितलियाँ देखी गयी जिनमे गोल्डन फ्लैट, डबल बैन्डेड जुडी, कॉमन जज्बेल, टाइगर ब्लू, प्लेन टाइगर, striped टाइगर, कॉमन क्रो, बैरोनेट, ग्रे काउंट, इवनिंग ब्राउन, कॉमन सेलर, रेड फ़्लैश, ओक ब्लू, ज़ेब्रा ब्लू, लेओपोर्ड, पिएर्राेट, कॉमन माइम, एमिग्रांट, लेमन येलो, ग्रास ब्लू, ग्रे पैन्सी, चॉकलेट पैन्सी, ब्लू पैन्सी, येलो पैन्सी, लेमन पैन्सी, आदि प्रमुख हैं, साथ ही 19 प्रकार की पक्षी भी दिखे, जिनमे क्रेस्टेड सरपेंट ईगल, वाइट आइड बज्ज़र्ड, एमरल्ड डव, टर्टल डव, कालरड डव, जंगल ओवलेट, वाइट ब्रेस्टेड किंगफ़िशर, लिटिल कोर्माेरेंट, इंडियन रोलर,oriental magpie robin, वैगटेल, ग्रीन लीफ बर्ड, अलेक्संद्रिन पेराकीट, तिम्निच्क्स स्तिंत (Timniks Stint), बुलबुल, मैना, वीवर बर्ड (Caucal), हिल क्रो, हॉक कुकु अदि प्रमुख है।

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