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खाद्य सामग्री में भ्रामक स्टीकर लगाकर बेचने वालों पर कार्रवाई…

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने तीनों आरोपियों पर लगाया 5-5 हजार का अर्थदण्ड
कोरिया। बैकुंठपुर के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अरुण कुमार मरकाम ने वर्ष 2020 के प्रकरण पर तीन आरोपियों को पांच-पांच हजार रुपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन, कोरिया ने वर्ष 2020 में शशांक जिज्ञासी (खाद्य विक्रेता) मेसर्स कुमार मेडिकोज, बैकुण्ठपुर, नरेन्द्र कुमार कोठारी (वितरक/थोक विक्रेता) नरेन्द्र फार्मा., कोठारी भवन कृष्णा नगर, रायपुर तथा रजनीकांत गुप्ता (विनिर्माता) मेसर्स गुप्ता हनी प्रोसेसर, मेन रोड, वार्ड नम्बर 44, पुराना दाउदपुर फाटक, अलवर, राजस्थान के खिलाफ 250 ग्राम के पैकेड में ‘बी हनी’ में 100 प्रतिशत नेचुरल एवं प्योर लिखा गया था इस तरह भ्रामक स्टीकर लगाकर खाद्य सामग्री विक्रय करने पर कार्यवाही शुरू की थी।
बता दें 250 ग्राम ‘बी हनी’ पैकेड, लॉट नम्बर 174.10 एमएफजी अक्टूबर के नमूने को जांच के लिए राज्य खाद्य विश्लेषक, रायपुर को भेजा गया था, जिस पर उक्त खाद्य पदार्थ को श्विदिन नॉर्मस बट मिसब्राण्डश् यानी मानक किन्तु मिथ्याछाप घोषित किया गया था, जिस पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत धारा 26 (2) (पप) 27 (3) (ग), 27 (2) (ग). 27 (1) का अभियुक्तगणों द्वारा उल्लंघन किए जाने के कारण अधिनियम की धारा 52 (1) अंतर्गत शास्ति जुर्माने/अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने के लिये अभियोग पत्र इस न्यायालय में पेश किया गया।
अभियुक्त शशांक जिज्ञासी, खाद्य विक्रेता, नरेन्द्र कोठारी वितरक व थोक विक्रेता एवं रजनीकांत गुप्ता विनिर्माता को अभियोजन व दस्तावेजों के आधार पर जवाब मांगा गया था। तीनो अभियुक्तों ने अपनी गलती स्वीकार की व राज्य खाद्य विश्लेषक, रायपुर के जांच प्रतिवेदन से संतुष्ट हुए हैं, जिसके कारण उभयपक्ष के तर्क की जरूरत नहीं पड़ी। प्रकरण व अभियुक्तगण द्वारा प्रस्तुत जवाब का अवलोकन करने के पश्चात खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 27 (1) के तहत किसी खाद्य पदार्थ का विनिर्माता या पैकर ऐसे खाद्य पदार्थ लिए तब तक उत्तरदायी होगा जब वह इस अधिनियम और इसके अधीन बनाए गए नियमों और विनियमों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं करता। इस प्रकार मेसर्स गुप्ता हनी प्रोसेसर का यह तथ्य की जानकारी के आभाव में खाद्य पदार्थ ‘बी हनी’ (पैकेड) वेट 250 ग्राम, लॉट नम्बर 174.10 एमएफजी, माह अक्टूबर में 100 प्रतिशत नेचुरल एवं प्योर लिखा गया है, स्वीकार योग्य नहीं है। इस प्रकार मेसर्स गुप्ता हनी प्रोसेसर को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा 26 (2) (पप),27 (1) के उल्लंघन के लिए, मेसर्स नरेन्द्र फार्मा. को विनिर्माण इकाई से खाद्य पदार्थ ‘बी हनी’ (पैकेड) को क्रय कर विक्रेता को विक्रय करने के कारण धारा 26 (2) (पप), 27 (2) (ग) के उल्लंघन करने तथा अभियुक्त शशांक जिज्ञासी को ‘बी हनी’ (पैकेड) को विक्रय करने के लिए संग्रहित रखने के कारण धारा 26 (2) (पप), 27(3) (ग) के तहत कार्यवाही की गई। इस अधिनियम की धारा 52 (1) अंतर्गत अभियुक्तगण जुर्माने या अर्थदण्ड से दण्डित किए जाने पाए गए।
बता दें अधिनियम की धारा 52(1) के तहत कोई व्यक्ति जो चाहे स्वयं या अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी खाद्य पदार्थ का मानव उपभोग के लिए विक्रय हेतु विनिर्माण या भंडारण विक्रय या वितरण या आयात करता है, जो मिथ्याछाप का है, शास्ति का, जो तीन लाख रुपए तक की हो सकेगी, दायी होगा।श्
इसलिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के उल्लंघन के तहत अधिनियम की धारा 52(1) के तहत अभियुक्तगण शशांक जिज्ञासी (खाद्य विक्रेता), नरेन्द्र कुमार कोठारी (वितरक / थोक विक्रेता) तथा रजनीकांत गुप्ता (विनिर्माता) को पांच-पांच हजार की शास्ति अधिरोपित की गई है। इन्हें 15 दिवस के भीतर अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, कोरिया के खाते में जमा करना होगा।

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