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सालों बाद अक्षय तृतीया पर नहीं गूंजेंगी शहनाइयां…इस तारीख से शुरू होंगे विवाह…

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अक्षय तृतीया का त्योहार 10 मई 2024 को मनाया जाएगा. अक्षत तृतीया को शास्त्रों के अनुसार अबूझ मुहूर्त कहा जाता है यानी इस दिन बिना मुहूर्त देखे भी विवाह करने की मान्यता है. हर साल इस अबूझ मुहूर्त होने के कारण ढेरों शादियां होती हैं, लेकिन इस साल अक्षय तृतीया पर शादी का एक भी मुहूर्त नहीं है. ज्योतिषाचार्य की मानें तो 61 साल के बाद ऐसा संयोग बनेगा, जब अक्षय तृतीया पर विवाह समेत कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा.
अक्षय तृतीया 2024 पर नहीं होंगे विवाह
इस बार अक्षय तृतीया के दिन गुरु और शुक्र तारा अस्त होने के कारण विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे, जिसके बाद विवाह के लिए 28 जून को शुक्र ग्रह उदय होगा और शुक्र ग्रह के उदय होने के बाद ही शादी और मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त निकलेगा. विवाह के लिए मुहूर्त न होने से जिनकी सगाई तय हो चुकी है, उन्हें मांगलिक कार्यों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
जुलाई तक करना होगा विवाह मुहूर्त के लिए इंतजार
ज्योतिषाचार्य पं. देव नारायण शर्मा ने बताया विवाह के लिए गुरु व शुक्र के तारे का उदय होना जरूरी होता है. इन दोनों में से किसी एक के भी अस्त होने पर विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त होता है, इस दिन बिना मुहूर्त के विवाह संपन्न हो सकता है, लेकिन इसके लिए भी गुरु व शुक्र के तारे का उदित होना आवश्यक है. इस साल अक्षय तृतीया पर गुरु व शुक्र ग्रह का तारा अस्त होने के कारण विवाह के शुभ मुहूर्त के लिए जुलाई तक इंतजार करना होगा.
जुलाई में इस दिन से बजेंगी शहनाइयां
गुरु व शुक्र का तारा 28 जून के बाद उदय होगा जिसके बाद 9 जुलाई से एक बार फिर शादी की शहनाइयां बजेंगी. जुलाई में 9, 11, 12, 13 व 15 विवाह की शुभ तारीख हैं. इनमें अपने चंद्र बल व गुरु बल की गणना से विवाह के लिए तारीख चुनी जा सकती हैं. 17 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो जाएंगे और फिर विवाह के लिए चार माह इंतजार करना होगा. पंचांग के अनुसार 17 जुलाई को देव शयनी एकादशी है. इस दिन से भगवान विष्णु राजा बलि का आतिथ्य स्वीकार करते हुए चार महीने के लिए पाताल लोक में निवास करते हैं. इस समय को ही चातुर्मास के रूप में जाना जाता है. इस दौरान चार महीने के लिए विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. दीपावली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी से विवाह आदि शुरू होंगे.
जुलाई में 9, 11 व 12 तारीख को शुभ मुहूर्त
पंडित देव नारायण शर्मा ने बताया कि पंचांग के अनुसार जुलाई माह में 9, 11 और 12 तारीख को विवाह और अन्य मांगलिक कार्य के लिए शुभ मुहूर्त हैं. इन तिथियों में विवाह आदि किए जा सकेंगे. इसके बाद लोगों को विवाह के लिए फिर से तीन महीने तक का इंतजार करना होगा. नवंबर महीने में 22, 23 और 27 तारीख को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं. इसके बाद दिसंबर महीने से विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं.

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