रायपुर। समर्थ जनकल्याण समिति जरूरतमंद लोगों को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है। वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जिलों से महिलाएं समिति से जुड़कर कार्य कर रही है। समिति प्रमुख जया द्विवेदी ने बताया कि समिति द्वारा लोगों को रोजगार देने के लिए लगभग 2 महीने पहले काम शुरू किया। और अभी तक 300 महिलाओं को हमने रोजगार दिलाने के लिए काम किया है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण एवं लॉकडाउन के कारण कई गरीब परिवार के सदस्यों की नौकरी चली गई। समिति ने ऐसे लोगों को काम देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का फैसला लिया।
समिति से जुड़कर महिलाएं एवं उनका परिवार साबुन, चूड़ी, माला, गमले, गुलदस्ता समेत सीजनेबल सामग्री बना रही है। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा महिलाओं को वस्तु बनाने के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। महिलाएं सामग्री घर लाकर इसे तैयार कर समिति को देती है फिर इसे बाजार में बेचा जाता है। दिनभर में जितनी सामग्री बनाई जाती है उसके आधार पर उन्हें पैसे मिलते है। समिति के सदस्य ने बताया कि एक माला बनाने से लोगों को 5 रुपया मिलता है। महिला व उनका परिवार जितनी मालाएं दिनभर में बनाते है उसके पैसे उन्हे सप्ताह व महीने में दिये जाते हैं। ऐसे ही अन्य कार्य है जिसमें मेहनत के अनुसार पैसे मिलते है। वर्तमान में तीन लाख रुपये तीन सौ से अधिक महिलाओं को उनके काम पर दिये जा चुके है। सामग्री उपलब्ध कराने के लिए समिति 8 लाख रुपये खर्च कर चुकी है।
समिति प्रमुख जया द्विवेदी का कहना है कि हमारा लक्ष्य 3 हजार से अधिक महिलाओं व लोगों को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने का है। विभिन्न जिलों में महिलाओं का समूह कार्य करने के लिए हमें आमंत्रित कर रहे है। वर्तमान में रायपुर ग्रामीण, आरंग, धमतरी समेत अन्य जिलों में महिलाएं काम कर रही है। आने वाले समय में लगभग हर जिले में महिलाएं आत्मनिर्भर हो यह प्रयास रहेगा।