Home » लक्षण दिखने के 24 घंटे के अंदर जांच नही कराने के घातक परिणाम हो सकते हैं-यूनीसेफ
Breaking छत्तीसगढ़ राज्यों से हेल्थ

लक्षण दिखने के 24 घंटे के अंदर जांच नही कराने के घातक परिणाम हो सकते हैं-यूनीसेफ

रायपुर। नोवेल कोरोना वाइरस का संक्रमण अत्यंत घातक हो सकता है यदि लक्षण दिखने के 24 घंटे के अंदर जांच नही कराई जाए और इलाज नही शुरू किया जाए। यूनीसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ श्रीधर ने बताया कि कोई व्यक्ति जब कोविड पाजिटिव मरीज के संपर्क में आता है तब अगले 5 दिन के अंदर उसमें सदी, बुखार, सुंघने की क्षमता कम होना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। लक्षण दिखने के दो दिन पहले व्यक्ति में वाइरस लोड अधिकतम रहता है। लक्षण नही आने पर उसे पता ही नही चलता और उसके संपर्क में आए व्यक्ति भी संक्रमित हो जाते हैं। इसीलिए बाहर जाते समय मास्क पहनना और सुरक्षित दूरी रखना अत्यंत जरूरी होता है। डॉ श्रीधर ने बताया कि जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनमे लक्षण जल्दी दिख जाते हैं अन्यथा 5 से 7 दिन में दिन फेफड़ों़े में असर होना शुरू होता है, सांस फूलने लगती है,आक्सीजन स्तर कम होता है,बुखार आता है। बुखार या अन्य लक्षणों को विकसित करने के 5 से 7 दिनों के बाद फेफड़ों की क्षति शुरू हो जाती है। एक बार फेफड़े खराब हो जाने पर मरीजों को सांस फूलने लगती है। रोगी को सांस फूलने से पहले ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। यदि इस बिंदु पर सही उपचार शुरू किया जाता है, तो कई रोगियों की जान बचाई जा सकती है। जब मरीज को अगले 24 से 48 घंटे के भीतर सांस फूलने लगती है, तो यह गंभीर हो जाता है, जिसके बाद सबसे अच्छे इलाज के साथ भी रोगी को बचाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए, बुखार या अन्य लक्षणों के विकास के 24 घंटों के भीतर ब्के लिए परीक्षण और नियमित रूप से ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी करने से फेफड़ों की क्षति का बहुत पहले पता चल जाएगा और बचाव के लिए सही समय पर इलाज किया जा सकता है। डेथ आडिट में यह बात सामने आई कि अधिकांश मामलों में यदि मरीज 24 घंटे के अंदर जांच करा लेता और अस्पताल में भर्ती हो जाता तो उसकी जान बच जाती। उदाहरण के लिए रायगढ़ जिले के 40 वर्ष के पुरूष का 30 अक्टूबर से लक्षण दिखाई दे रहे थे और 3 नवंबर को कोरोना टेस्ट कराया। 3 नवंबर को ही रायगढ़ के कोविड अस्पताल में भर्ती हुए। किंतु उन्हे सिकल सेल एनीमिया भी था और भर्ती के समय आक्सीजन लेवल 62 प्रतिशत था । लेकिन हर संभव प्रयास के बाद भी उन्हे नहीं बचाया जा सका और 9 नवंबर को उनकी मृत्यु हो गई। यह मृत्यु रोकी जा सकती थी अगर वे जल्दी जांच करा लेते और उपचार शुरू हो जाता समय पर ।

Cricket Score

Advertisement

Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 6 minutes ago

Advertisement

error: Content is protected !!