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ज्योतिष

विष से भी अमृत निकालने की विधि आनी चाहिए

चाणक्य ने मनुष्य के लिए कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिनको समझने और जीवन में उतार लेने से कई प्रकार की बाधाओं और परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है. चाणक्य द्वारा बताई गईं ये बातें बहुत ही सरल हैं. इन्हें कोई भी अपना सकता है. जिस व्यक्ति में ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता है. परिश्रम करने से नहीं घबराता है, ऐसे व्यक्तियों को चाणक्य की इन बातों को जरूर अपनाना चाहिए. चाणक्य के अनुसार जीवन में वही व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है जो सदैव सकारात्मक विचारों को अपनाता है. ऐसे व्यक्ति विष यानि जहर से अमृत खोज लेते हैं. चाणक्य कहते हैं कि विष में यदि अमृत भी छिपा है तो उसे प्राप्त करने का जतन करना चाहिए. कई खतरनाक रोगों की दवा विष से ही निर्मित होती है. इसलिए व्यक्ति को किसी भी चीज को व्यर्थ नहीं समझना चाहिए. खराब चीजों से भी अच्छी चीजें प्राप्त की जा सकती है. चाणक्य की इस बात का यही सार है. चाणक्य के अनुसार स्वर्ण यानि सोना कहीं भी हो उसे प्राप्त करने के लिए स्थान पर ध्यान नहीं देना चाहिए. कहने का अर्थ है कि सोना यदि गंदगी में भी नजर आए तो उसे ले लेना चाहिए. इसी प्रकार से प्रतिभा यदि कीचड़ में है तो उसे अपनाने में देर नहीं करनी चाहिए. प्रतिभा का सदैव सम्मान करना चाहिए. चाणक्य के अनुसार स्त्री यदि गुणी और सुंदर हो, तो उसके कुल के बारे में अधिक नहीं सोचना चाहिए. कहने का अर्थ ये है कि गुणवान स्त्री यदि निर्धन कुल में है तो भी उसे सम्मान के साथ जीवन साथी बनाने का प्रयत्न करना चाहिए. चाणक्य की मानें तो यदि शत्रु के घर में अगर सुशील स्त्री है तो उससे रिश्ता जोडऩे में अंहकार का त्याग करना चाहिए. क्योंकि सुशील और गुणों से पूर्ण स्त्री जहां भी जाएगी. घर और कुल की शोभा ही बढ़ाएगी.

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