चीन ने अब दो बच्चों की सख्त पॉलिसी को बदलते हुए कपल्स को तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी है. दो बच्चों की नीति को खत्म कर दिया है. ये चीन में बूढ़ी होती आबादी को ध्यान में रखकर उठाया गया कदम है. चीन की सरकार ने अब तीन बच्चे करने की इजाजत दे दी है. सरकारी मीडिया आउटलेट शिन्हुआ के मुताबिक, इस बदलाव को पोलितब्यूरो बैठक में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंजूरी दे दी है. ये फैसला उस जनगणना के बाद आया है, जिसमें पता चला था कि चीन की आबादी पिछले एक दशक में सबसे धीमे बढ़ी है. ये जनगणना हर एक दशक बाद होती है. इसकी वजह से चीन की सरकार पर दो बच्चों की नीति खत्म करना का दबाव था क्योंकि बूढ़ी आबादी बढऩे की अधंका थी. जनगणना में पाया गया कि पिछले साल चीन में 1.2 करोड़ बच्चे पैदा हुए थे. 2016 के 1.8 करोड़ के आंकड़े से ये काफी कम था. 2020 का आंकड़ा 1960 के दशक के बाद से सबसे कम था. चीन ने साल 2016 में एक बच्चे की नीति खत्म कर दंपतियों को दो बच्चे करने की इजाजत दी थी. हालांकि, इसके बाद भी चीन की गिरती जन्म दर संभल नहीं पाई. चीन की आबादी एक बच्चे की नीति से काफी प्रभावित हुई है. ये नीति 1979 में जनसंख्या विस्फोट को काबू में करने के लिए लाई गई थी. जिन परिवारों ने इसका उल्लंघन किया, उन पर जुर्माना लगाया गया, रोजगार छीना गया और जबरन गर्भपात की भी रिपोर्ट्स आई हैं. एक बच्चे की नीति ने चीन के लिंग अनुपात पर भी असर डाला है. जनगणना के नए आंकड़ों के मुताबिक, देश की जनसंख्या 1.41178 अरब हो गई है.