छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में आगामी शिक्षा सत्र से प्राथमिक शालाओं में छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, भतरी, सरगुजिया, कोरवा, पांडो, कुडुख और कमारी बोलियों में पढ़ाई की व्यवस्था करने की रविवार को घोषणा की। बघेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग परेड मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनता के नाम अपने संदेश में कहा कि गणतंत्र की सफलता की कसौटी जनता से सीख कर, उनकी भागीदारी से, उनके सपनों को पूरा करने में है। बघेल ने कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस के अवसर पर मैं नई पीढ़ी को जागरूक और सशक्त बनाने के संबंध में यह घोषणा करता हूं कि आगामी शिक्षा सत्र से राज्य की प्राथमिक शालाओं में स्थानीय बोली-भाषाओं– छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, भतरी, सरगुजिया, कोरवा, पांडो, कुडुख, कमारी आदि– में पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि राज्य के सभी स्कूली बच्चों को संविधान के प्रावधानों से परिचित कराने के लिए प्रार्थना के समय संविधान की प्रस्तावना का वाचन, उस पर चर्चा जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। छत्तीसगढ़ की महान विभूतियों की जीवनी पर परिचर्चा जैसे आयोजन किए जाएंगे। भारतीय संविधान की गौरवगाथा को याद किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की प्राथमिक शालाओं में स्थानीय बोली-भाषाओं में होगी पढ़ाई:बघेल
January 26, 2020
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