भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य के प्रारंभ करने से पहले दही-चीनी खाने की परंपरा है. जब भी कोई शुभ काम के लिए घर से जाता है तो उसे दही-चीनी खिलाकर भेजते हैं. बड़े-बुजुर्ग भी कहते हैं कि कोई शुभ कार्य से पहले दही-चीनी खाना चाहिए. दही और चीनी खिलाने के पीछे परिवार के प्रेम के साथ उस कार्य की सफलता का आशीर्वाद भी रहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर शुभ काम से पहले दही-चीनी क्यों खाई जाती है. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि दही-चीनी खाने की परंपरा के पीछे कई ज्योतिष, धार्मिक और वैज्ञानिक तथ्य मिलते हैं. आइये जानते हैं शुभ कार्य से पहले दही-चीनी खाने का महत्व क्या है.
दही-चीनी खाने का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सफेद वस्तुओं का संबंध चंद्रमा से माना जाता है और चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है. दही और चीनी भी सफेद होती है, इसलिए कोई भी शुभ काम करने से पहले दही चीनी खाने से व्यक्ति का मन एकाग्र रहता है. एकाग्र होने से व्यक्ति उस काम के प्रति ज्यादा सजग रहता है और कार्य में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
इसी तरह शुक्र ग्रह का संबंध सफेद रंग से होता है, वह भी शांति का कारक माना जाता है. इसलिए शुभ काम से पहले दही व चीनी खाने से कार्य में सफलता प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.
वैज्ञानिक कारण
दही और चीनी खाने का वैज्ञानिक कारण भी है. दही और चीनी के सेवन से कई पोषक तत्व मिलते हैं और शरीर ऊर्जावान बना रहता है, इसलिए किसी भी शुभ कार्य से पहले दही-चीनी खाना अच्छा माना जाता है. दही-चीनी खाने से शरीर को ग्लूकोज मिलता है, इसलिए घर से निकलने से पहले दही और चीनी खिलाने की सलाह दी जाती है.
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