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पेंगुलिन तस्करी, वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, 5 आरोपी गिरफ्तार

वन विभाग

लगभग 12 लाख रूपए कीमत के एक पेंगुलिन सहित वाहन जब्त

 

रायपुर.

वन विभाग

वन एवं जलवायु मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा राज्य में वन अपराधों की रोक थाम के लिए सतत् रूप से अभियान जारी है। इसके तहत गत दिवस 10 दिसम्बर को भानुप्रतापपुर वनमंडल अंतर्गत लगभग 12 लाख रूपए की कीमत के 12.5 किलोग्राम वजनी एक जीवित पेंगुलिन (सालखपरी) को वाहन सहित जब्त कर संलिप्त 5 आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कार्रवाई मुख्य वन संरक्षक कांकेर श्री राजू अगसिमनी के मार्गदर्शन में वन मंडलाधिकारी पूर्व भानुप्रतापपूर श्री कृष्ण जाधव के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा तत्परता से की गई। वन विभाग द्वारा आरोपियो के खिलाफ वन अपराध प्रकरण दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई जारी है।

गौरतलब है कि 10.दिसम्बर 2022 को मुखबीर के माध्यम से वन विभाग को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि भानुप्रतापपुर खण्डी नदी के पास पेंगुलिन (सालखपरी) का सौदा होने वाला है, उक्त सूचना के आधार पर वन कर्मचारियों ने इसे तत्काल संज्ञान में लेते हुए आरोपियों की घेराबंदी करते हुए समय लगभग 2ः45 बजेे खण्डीनदी पहुंचे। जहां मौके पर पाया कि एक वाहन जिसका क्रमांक ए.पी 39 एच बी 6634 खड़ा था। उक्त वाहन के पास 02 व्यक्ति खडे हुए थे, जिनका नाम देवानंद गोलदार स्व. कालीपद उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम पावारास जिला सुकमा एवं धनवीर पिता दिलीप – 28 वर्ष निवासी जेलबाड़ी सुकमा है। कर्मचारियों द्वारा वाहन का जांच कार्य उक्त व्यक्तियों के समक्ष किया गया।

 जांच के दौरान वाहन के पीछे डिक्की में जीवित अवस्था मे एक पेंगुलिन पाया गया। पूछताछ के दौरान उपरोक्त व्यक्तियों ने अन्य लोगो का नाम बताया जो उनके सहयोगी के रूप में वाहन क्रमांक ए पी 39 एच बी 6634 उनके साथ ग्राम कुरुसबोड़ी से भानुप्रतापपुर आये थे तथा यह भी बताया कि बाकी लोगो को लगभग 01 कि.मी. दूर पर छोड़ा गया है। उनके बताये अनुसार वन कर्मचारियों द्वारा तत्काल अन्य व्यक्तियों को घेरकर पकड़ा गया, जिन्होने अपना नाम राजेन्द्र पिता अमरसिंह जाति राजपुत ठाकुर ग्राम सुकमा तथा साधुराम पिता सुनहेर जाति गोड ग्राम कुरूसबोड़ी और दसरी बाई पति सहदुराम जाति गोड़ ग्राम कुरुसबोड़ी बताया तथा उन्होने स्वीकार किया कि वे उपरोक्त वाहन से सभी पांचों मिलकर भानुप्रतापपुर वन्यप्राणी सालखपरी (पेंगुलिन) जो जीवित अवस्था में है, उसे विक्रय करने के उद्देश्य से लाया गया है तथा उनके द्वारा भानुप्रतापपुर- अंतागढ़ मार्ग पर खण्डीनदी के पास खरीददार का इंतजार कर रहे थे।

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