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नर्सरी की छात्रा से दुष्कर्म का दोषी सात दिन में देख चुका था 450 पोर्न वीडियो, 30 हजार अश्लील फोटो, अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा

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स्कूल प्रबंधन द्वारा शिकायत को गंभीरता से नहीं लेने पर बालिका के स्वजन पहुंचे थे थाने

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बिलाबांग स्कूल में पढऩे वाली साढ़े तीन साल की बालिका से दुष्कर्म का दोषी बस चालक गंभीर मनोविकृति का शिकार है। इसका सबूत उसके मोबाइल से मिले 450 से अधिक पोर्न वीडियो और लगभग 30 हजार अश्लील फोटो से मिला। सभी वीडियो मासूम बच्चियों से यौनाचार के पाए गए। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने पुलिस को बताया था कि मोबाइल फोन उसने सात दिन पहले ही खरीदा था। उसने सभी वीडियो और अश्लील फोटो डिलीट कर दिए थे। उन्हें साइबर विशेषज्ञों ने खोजने के बाद दोबारा हासिल कर साक्ष्य के तौर पर पेश किया था। मामले की पैरवी कर्ता ने वीडियो और फोटो के आधार पर बस चालक की बच्चियों के प्रति गंदी मानसिकता होना अदालत में मजबूती से साबित कर दिया। जो चालक को दोषी करार देने में अहम प्रमाण रहा। बिलाबांग स्कूल में नर्सरी में पढऩे वाली बालिका के साथ दुष्कर्म के आरोप में राजधानी की फास्ट ट्रैक कोर्ट में विशेष न्यायाधीश शैलजा गुप्ता ने विगत सोमवार को बस चालक हनुमंत जाटव को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। मामले की सहअभियुक्त उर्मिला साहू को भी 20 वर्ष की कैद सुनाई गई है। मामले में शासन की ओर से पैरवी करने वाली एडवोकेट मनीषा पटेल ने बताया कि इस मामले में घटना की शिकायत चार दिन बाद थाने में रिपार्ट दर्ज हुई थी। इस वजह से पुख्ता परिस्थितिजन्य साक्ष्य नहीं मिले थे। डीएनए रिपोर्ट भी पाजिटिव नहीं आई थी। काफी कम उम्र होने के कारण कोर्ट में बालिका से घटना के बारे में गवाही के लिए घर जैसा वातावरण बनाया गया था। अदालत ने भी मासूम के साथ ज्यादती के मामले को काफी गंभीरता से लिया। जिसके चलते लगातार सुनवाई चलती रही। पुलिस ने भी 20 दिन में 242 पेज का चालान पेश कर दिया था। 32 लोगों ने गवाही दी थी। अंतत: 95 दिन में अदालत ने फैसला सुनाकर दुष्कर्मियों को जेल पहुंचा दिया। इस मामले में बस चालक के मोबाइल फोन में मिले पोर्न वीडियो, फोटो उसकी बच्चियों के प्रति मनोविकृति सिद्ध करने में अहम साक्ष्य साबित हुए। बता दें कि आठ सितंबर को स्कूल से घर पहुंची बच्ची के कपड़े बदले हुए थे। मां ने उससे इस बारे में पूछा था तो उसने बस चालक अंकल द्वारा उसके कपड़े बदलने की बात बताई थी। साथ ही बस चालक अंकल द्वारा बैड टच करने की बात भी बोली थी। स्कूल प्रबंधन द्वारा शिकायत को गंभीरता से नहीं लेने पर बालिका के स्वजन थाने पहुंचे थे। महिला थाने में 12 सितंबर को बस चालक एवं महिला अटेंडर के खिलाफ दुष्कर्म, पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।

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