Home » धान खरीदी का आंकड़ा 75 लाख मीटरिक टन पार
Breaking छत्तीसगढ़ राज्यों से

धान खरीदी का आंकड़ा 75 लाख मीटरिक टन पार

demo pic

रायपुर. छत्तीसगढ़ में चल रही धान खरीदी के अंतर्गत कल 28 दिसंबर को ही 75 लाख मीटरिक टन आंकड़ा पार हो गया, जबकि खरीदी की प्रक्रिया 31 जनवरी 2023 तक जारी रहेगी। इस साल 110 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का अनुमान है। पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़कर 24 लाख 95 हजार हो जाने के बावजूद राज्य शासन ने कम दिनों में यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वर्ष 2017-18 में 12 लाख 06 हजार किसानों से कुल 56 लाख 88 हजार मीटरिक टन धान की ही खरीदी हो पाई थी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कम समय में ही शांतिपूर्ण, सुव्यवस्थित और सुचारू ढंग से 75 लाख मीटरिक टन से अधिक धान खरीदी होने पर राज्य के किसानों को बधाई दी है। गौरतलब है कि वर्ष 2017 की तुलना में धान के रकबे, किसानों की संख्या और उत्पादकता में भारी वृद्धि होने के बावजूद छत्तीसगढ़ में हर साल धान खरीदी का नया रिकार्ड कायम हो रहा है। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हुए राज्य सरकार ने जहां कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया की विसंगतियों को दूर करते हुए, धान का तेजी से उठाव सुनिश्चित किया है, वहीं धान खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 2614 कर दी है। इसके अलावा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की नयी शाखाएं खुलवाने के लिए तेजी से पहल की है, ताकि किसानों को धान खरीदी सहित सीधे लाभ पहुंचाने वाली शासन की सभी योजनाओं का लाभ मिल सके। इस साल छत्तीसगढ़ में 02 लाख 27 हजार नये किसानों ने धान विक्रय के लिए पंजीकरण कराया है। धान का कुल पंजीकृत रकबा बढ़कर 32 लाख 8 हजार हेक्टेयर हो चुका है। कल 28 दिसंबर तक खरीदे गए धान के एवज में किसानों को 15 हजार 582 करोड़  51 लाख रुपए मार्कफेड द्वारा अपेक्स बैंक को जारी किए जा चुके थे। कल तक 59 लाख 82 हजार 017 मीटरिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया जा चुका था, जबकि डीओ से 48 लाख 63 हजार 515 मीटरिक टन धान का उठाव किया जा चुका था। टोकन की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए इस बार मोबाइल एप के माध्यम से भी टोकन जारी किए गए। कल 28 दिसंबर तक कुल 20,51,882 टोकन जारी किए जा चुके थे। इनमें से 4,07,129 टोकन एप के माध्यम से जारी किए गए। प्रदेश में वर्ष 2018-19 में राज्य शासन ने 80 लाख 37 हजार मीटरिक टन धान की खरीदी की थी। तब किसानों को समर्थन मूल्य के साथ-साथ 750 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस का भी भुगतान किया गया था। इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत करते हुए किसानों के लिए समर्थन मूल्य के अलावा फसलों पर इनपुट सब्सिडी का प्रावधान किया गया। वर्ष 2019-20 में 84 लाख मीटरिक टन, वर्ष 2020-21 में 92 लाख मीटरिक टन और 2021-22 में 98 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई। वर्ष 2019 में 18 लाख 43 हजार, वर्ष 2020 में 20 लाख 59 हजार तथा 2021 में 26 लाख 21 हजार किसानों ने धान बेचा था। राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के बाद किसानों की संख्या, धान के रकबे और धान के उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है।

Cricket Score

Advertisement

Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 10 minutes ago

Advertisement

error: Content is protected !!