मुख्यमन्त्री और मुख्य सचिव से संज्ञान में लेकर जरूरी कार्यवाही की मांग
शासन के नियमानुसार पेंशन भोगी सेवानिवृत्त कर्मचारी को उम्र वृद्धि के साथ 80 से 85 वर्ष से कम आयु पर 20% प्रतिशत, 85 से 90 वर्ष से कम उम्र पर 30% ,90 से 95 वर्ष से कम आयु पर 40% ,95 से 100 कम उम्र पर 50%और 100 की आयु पूरी करने के बाद 100% प्रतिशत मूल पेंशन राशि में पेंशनवृद्धि का प्रावधान है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा इसे लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश के साथ आदेश जारी किया गया है परन्तु छत्तीसगढ़ राज्य में बैंक प्रशासन और ट्रेजरी की मनमानी और लापरवाही के कारण पात्र बुजुर्ग पेंशनर और परिवार पेंशनर इस अतिरिक्त पेंशनवृद्धि के लाभ से वंचित रहते हुए कालकलवित हो रहे हैं। उक्त आरोप भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामन्त्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने लगाया है। जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि इस हालात के शिकार ग्रामीण दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने सबसे अधिक है क्योंकि या तो उन्हे इस तरह के नियम का पता नहीं है और यदि पता भी है तो बुजुर्ग तथा बीमार होने के कारण मामलें पर बैंक प्रशासन के सम्मुख अपनी बात रखने आने जाने में असमर्थ है और यदि किसी तरह बैंक में आकर बात रखते हैं या आवेदन देते है तो आवेदन को बड़े आफिस में भेजने की बात कहकर उन्हे टरकाकर कर्तव्य का इतिश्री कर लेते हैं। इसके बाद बार बार मिलने पर बैंक प्रशासन के लोग बुजुर्ग पेंशनर्स को सही जवाब नहीं देते और पेंशनर चक्कर खाते रहते हैं। इन पक्तियों को लिखे जाने के दौरान रायपुर के निकट आरंग से खबर दी गई है कि आरंग विकास खण्ड के आश्रित गाँव टेकारी(भानसोज) के निवासी बुजुर्ग पेंशनर रामाधीन साहू की 80 वर्ष की उम्र मार्च 22 में पूरी हो चुकी है। उन्होंने फरवरी 22 में पंजाब नेशनल बैंक आरंग (मासिक पेंशन भुगतान शाखा) में आवेदन दिया। आज 12महिने बाद भी यह कोई नहीं बता रहा है कि 20% अतिरिक्त पेंशन कब जुड़ेगा।कोई सुनने वाला नहीं है। कांकेर जिले के अन्य प्रकरण में पेंशनर सत्यनारायण दुबे की ट्रेजरी से जारी पीपीओ में जन्मतिथि त्रुटि होने के कारण 80 की आयु 3 वर्ष पूर्व पूर्ण होने के बाद भी 20%अतिरिक्त पेंशन से वह वन्चित है। संयुक्त संचालक कोष लेखा व पेंशन बस्तर के संज्ञान में लाये जाने पर उन्होंने रुचि लेकर जन्मतिथि को ठीक कर बैंक आफ बड़ौदा कांकेर को भेजकर उन्हें एरियर सहित अतिरिक्त पेंशन भुगतान की बाधा को दूर कर दिया। परंतु बैंक आफ बड़ौदा का सीपीपीसी गांधीनगर गुजरात में प्रकरण निराकरण हेतु लम्बित है। प्रकरण पर कब तक निर्णय होगा कोई बताने वाला नहीं है। पेंशन में यह बढ़ोतरी पूरीतरह बैंक प्रशासन के इच्छाशक्ति पर निर्भर होता है। क्योंकि 80 वर्ष के उम्र के बाद अधिकतर पेन्शनर स्वास्थ्यगत कारणों से यह जानने लायक नहीं होते कि बैंक ने शासन के आदेशानुसार उनके पेंशन में बढ़ोतरी किया है, क्योकि आज भी अनेक ऐसे उदाहरण सामने आ रहे रहे हैं कि पेन्शनर को उम्र सीमा पार करने के बाद पेंशनवृद्धि नही की गई और उनकी मृत्यु भी हो चुकी हैं और ज्यादातर परिवार नियमोँ से अनभिज्ञ होने के कारण भी कुछ नहीं कर पाते। अत: इसके लिए जिम्मेदार लोगो पर सरकार को सख़्त कार्यवाही करने की मांग की है। इसी तरह का प्रकरण बस्तर से आया है इस संबध में वस्तु स्थिति यह है कि परिवार पेंशनर श्रीमती कलावती नाग पत्नी स्वर्गीय श्री बनमाली के प्रकरण में ग्रेजुएटी आर्डर में उपादान ग्राही का नाम मे श्रीमती कलावती नाग ( पत्नी ) के स्थान पर मृतक पेंशनर स्वर्गीय बनमाली का ही नाम अंकित था, जिसके सुधार हेतु पीपीओ जारी कर्ता कार्यालय संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन रायपुर को प्रकरण वापस किया गया था. दिनांक 03 जनवरी 2023 को जेडी पेंशन रायपुर से जिला कोषालय जगदलपुर को प्रकरण प्राप्त हुआ, तत्पश्चात देयक तैयार करते समय ईसीएस डिटेल में नॉमिनी के स्थान पर मृतक का ही नाम प्रदर्शित हो रहा है जबकि कलावती नाग ( पत्नी ) का नाम अंकित होना चाहिए. प्रकरण में सुधार हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1937 दिनांक 12 जनवरी 2023 को संचानालय कोष लेखा एवं पेंशन छत्तीसगढ़ नया रायपुर को पत्र प्रेषित किया गया है. प्रकरण में संचनालय रायपुर से सुधार की कार्यवाही अपेक्षित है, जो अब तक लम्बित है, विधवा फैमली पेंशनर ,दर दर भटक रही है परंतु 1 महीने बिताने के बाद भी संचालनालय इंद्रावती भवन नामिनी को सुधारने में सफल नहीं हो पाया है। जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामन्त्री वीरेन्द्र नामदेव, राष्ट्रीय सचिव पूरनसिंह पटेल, राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य अनिल गोल्हानी, प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश मिश्रा, आयकर प्रकोष्ठ के संयोजक सुरेश मिश्रा, आर जी बोहरे, बी एल यादव, नरसिंग राम, लोचन पांडेय,डॉ पी आर धृतलहरे, नागेंद्र सिंह, कलावती पांडेय, सी एल चंद्रवन्शी, उर्मिला शुक्ला, एस के चिलमवार, आदि ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से प्रकरण को संज्ञान में लेकर पेंशनर्स हित में जरूरी कार्यवाही करने की मांग की है।