भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान जी को कलयुग का अदृश्य देवता माना जाता है। हनुमान जी इकलौते ऐसे देवता हैं जो हर युग में किसी न किसी रूप में विद्यमान रहते हैं और लोगों के संकट हरते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी की सच्चे हृदय से सेवा करने और उनका व्रत रखने से बजरंगबली की कृपा अपने भक्तों पर सदैव बनी रहती है। हनुमान जी के भक्तों पर कभी भी कोई संकट नहीं आता, लेकिन व्रत रखने के कुछ नियम और विधान बताए गए हैं। जो बहुत से लोगों को नहीं पता होते है। ज्योतिष शास्त्र मानता है कि हनुमान जी का व्रत करने से कुंडली के मौजूद सभी ग्रह शांत रहते हैं और हनुमान जी की असीम कृपा भी प्राप्त होती है। माना जाता है कि जो सच्चे मन से हनुमान जी का व्रत रखता है। हनुमान जी उस पर कभी भी संकट नहीं आने देते। संतान प्राप्ति के लिए भी हनुमान जी के व्रत को सर्वोत्तम माना जाता है। हनुमान जी का व्रत करने से काली शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता। इसके अलावा मंगलवार का व्रत करने से व्यक्ति में सम्मान साहस और पुरुषार्थ भी बढ़ता है।
व्रत करने की सही विधि
- मंगलवार का दिन बजरंगबली हनुमान को समर्पित किया गया है। यदि आप मंगलवार का व्रत करना चाहते हैं तो इसे लगातार 21 मंगलवार तक करना चाहिए।
- ब्रह्म मुहूर्त में मंगलवार के दिन उठकर स्नान आदि से निवृत होकर हनुमान जी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प करें।
- उसके बाद अपने घर के ईशान कोण में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर उसमें गंगाजल के छींटे देकर लाल कपड़ा धारण कराएं।
- फिर पुष्प रोली और अक्षत से हनुमान जी का अभिषेक करें। इसके बाद चमेली के तेल का दीपक जलाएं और तेल की कुछ सीटें हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति पर भी डालें।