हिंदू धर्म में पैर छूने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. माना जाता है कि भगवान के आगे सिर झुकाने, बुजुर्गों और गुरु के पैर छूने से आशीर्वाद मिलता है, लेकिन अगर इसके नियमों को नहीं माना गया तो फिर आशीर्वाद का फल नही मिलता है. हिंदू धर्म में पैर छूने की परंपरा देवी-देवताओं के समय से है. वैदिक काल में भी जब राज महलों में गुरु आते थे तो राजा सिंहासन को छोड़ कर उनके पैर छूते थे और आशीर्वाद की इच्छा जताते थे. मान्यता है कि अपने से बड़े के पैर छूने से नवग्रहों से जुड़े दोष दूर होते हैं. इसके साथ ही दादी, नानी, चाची आदि के पैर छूने से चंद्र दोष दूर हो जाता है वहीं बड़े भाई के पैर छूने से मंगल दोष और भाभी के पैर छूने से शुक्र को मजबूती मिलती है. लेकिन आपको पैर छूने का सही नियम पता होना चाहिए. पैर छूने के तारीके अगल-अगल होते हैं. कोई झुककर या फिर घुटने के बल बैठकर प्रणाम करता है कोई साष्टांग करता है. पैर छूना हो तो अपने दोनों हाथ को क्रास करके बाएं हाथ से बायां पैर और दाएं हाथ से दायां पैर छूए लें. इसी तरह जब साष्टांग प्रणाम करें तो अपने सिर को दोनों हाथों के बीच में रखना चाहिए और अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को झुका कर पैरों को झूना चाहिए बुजुर्गों के पैर छूना महज सम्मान के भाव से देखा जाता है. लेकिन, इस परंपरा के पीछे कई कारण हैं, मान्यता है कि अपने से बड़े या बुजुर्ग व्यक्ति के पैर छूने से उनकी सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.
ऐसे पैर छूने पर नहीं मिलता बुजुर्गों का आशीर्वाद, जानें सही तरीका
February 12, 2023
295 Views
2 Min Read
You may also like
Breaking • एक्सक्लूसीव • क्रांइम • छत्तीसगढ़ • दिल्ली • देश
तंत्र मंत्र के नाम पर देते थे धोखा, 22 लाख के नकली नोट के साथ 4 गिरफ्तार
May 17, 2024
Breaking • एक्सक्लूसीव • दिल्ली • देश
…पानी से आप हाथ नहीं धोएंगे, जिसे इस गांव के लोग पीते हैं!
May 17, 2024
About the author
NEWSDESK
Cricket Score
Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 13 minutes ago