पाकिस्तान अबतक के अपने सबसे बड़े संकट से जूझ रहा है। बेतहाशा बढ़ती महंगाई आसमान छू रही है। आटे के लिए लोगों को लाइन लगानी पड़ रही है। दालें इतनी महंगी हो चुकी हैं कि लोग खरीद नहीं पा रहे हैं।
पाकिस्तान के सामने दाल-रोटी का संकट मंडराने लगा है। अब तो पाकिस्तान की दुकानों से किराने का सामान भी खत्म होने लगा है। दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों पर ताला जड़ने को मजबूर हैं। बढ़ती महंगाई और सामानों की किल्लत को लेकर अब जनता का गुस्सा फूटने लगा है। पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कराची में व्यापारियों ने धरना देना भी शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार की कमजोर आर्थिक नीतियों के खिलाफ व्यापारियों की ऑल सिटी ट्रेडर्स एसोसिएशन ने बोल्टन मार्केट पर धरना शुरू कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि हमारी दुकानों में बेचे जाने वाले माल की कमी हो रही है। जब इम्पोर्ट बंद हो जाएगा और इंडस्ट्री का माल नहीं आएगा तो पोर्ट सिटी बंद हो जाएगी। व्यापारियों का कहना है कि इसी तरह चलता रहा तो बाकी दुकानें भी बंद हो जाएंगी। मार्केट वीरान हो जाएगी तो उनका घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि कराची पाकिस्तान का प्रमुख बंदरगाह है जिसके रास्ते व्यापार होता है।
पाकिस्तान को इस मौजूदा संकट से सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF के बेल आउट पैकेज ही उम्मीद बची है जो इस मुश्किल से उसे उबार सकता है, लेकिन उसके भी मिलने की उम्मीद फिलहाल कम ही नजर आ रही है। पाकिस्तान का 10 दिनों का दौरा करके आईएमएफ का एक डेलिगेशन 9 फरवरी को ही वापस चला गया। अभी तक राहत पैकेज पर आईएमएफ के साथ सहमति नहीं बन पाई है। आईएमएफ के साथ पाकिस्तान सरकार की वार्ता जारी है।
पाकिस्तान हालात इस कदर बदतर होते जा रहे हैं कि सरकार के पास पेट्रोल खरीदने तक के लिए पैसे नहीं है। जिसके चलते देश में पेट्रोल की भारी किल्लत हो गई है। लोग पेट्रोल के लिए भटक रहे हैं। लाहौर में 450 पेट्रोल पंप में से 70 में तेल ही नहीं है। यानी कि पाकिस्तान चौतरफा संकट से घिर चुका है।