मध्य अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में इन दिनों एक रहस्यमयी अज्ञात बीमारी के चलते लोग खौफ में हैं. यहां एक अज्ञात बीमारी के चलते रक्तस्रावी बुखार से अब तक कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है.
जिसके चलते लोगों में दहशत पैदा हो गई है. वहीं प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 200 से अधिक लोगों को क्वारंटाइन कर दिया है. इसके अलावा लोगों के आवागमन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इक्वेटोरियल गिनी के स्वास्थ्य मंत्री मितोहा ओन्डो’ओ अयाकाबा ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी. अयाकाबा ने कहा कि 7 फरवरी को इस संक्रमण की पहली बार सूचना मिली. उसके बाद प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उन लोगों की मौतें हुई जो एक अंतिम संस्कार में शामिल हुए. इसके बाद सरकार ने पड़ोसी देश गैबॉन को जांच के लिए सैंपल्स भेजे हैं.
संक्रमण को लेकर की जा रही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग – स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, अधिकारियों ने उन दो गांवों के आसपास आवाजाही को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी है जहां इस बीमारी का प्रकोप पाया गया है. इसके साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जारी है. इसके अलावा 200 से ज्यादा लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. हालांकि इनमें अभी तक कोई लक्षण नहीं मिले हैं.
रक्तस्त्रावी बुखार माना जा रहा इस बीमारी को – बताया जा रहा है कि ये बीमारी एक तरह का रक्तस्त्रावी बुखार है. अयाकाबा ने टेलीफोन पर न्यूज एजेंसी रायटर को बताया कि, “हम लस्सा या इबोला जैसे रक्तस्रावी बुखारों को जल्द से जल्द खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं.” बता दें कि इक्वेटोरियल गिनी के पड़ोसी देश कैमरून ने शुक्रवार को इस अज्ञात बीमारी का पता लगने के बाद अपनी सीमा में आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया. वहीं कैमरून के स्वास्थ्य मंत्री मैलाची मनौदा ने एक बयान में कहा कि, मनौदा ने एक बयान में कहा, कैमरून ने “इस बीमारी के इम्पोर्ट को रोकने के लिए ये प्रतिबंध लगाया.
इस रहस्यमयी बीमारी पीड़ियों को बुखार और नाक से खून आने के साथ जोड़ों का दर्द की शिकायत सामने आई हैं इसके बाद उनकी मौत हो रही है. मनौदा ने कहा कि जांच चल रही है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलावा अटलांटा सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के विशेषज्ञों के समर्थन से इस महामारी की निगरानी को मजबूत किया गया है.
कैमरून के एक जिला स्वास्थ्य प्रमुख, न्गु फंकम रोलैंड ने भी अपने एक बयान में कहा कि अज्ञात बीमारी के लक्षण नाक से खून आना, बुखार और जोड़ों का दर्द है जो कुछ घंटों के भीतर ही मृत्यु का कारण बन रही है. उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी यह पता लगाने के लिए सैमपल्स के टेस्ट का समर्थन कर रही है कि मौतों का कारण क्या है और कुछ दिनों के भीतर इसके नतीजे आने चाहिए.