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सरकारी जमीन में अवैध कब्जे का मामला, 41 कब्जेदारों को नोटिस

रायगढ़। सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण एक नासूर बन चुका है। किसी भी वार्ड, मोहल्ले या ग्राम पंचायत में सरकारी जमीन सुरक्षित ही नहीं बची है। सांगीतराई में तो 20 एकड़ सरकारी जमीन को अवैध तरीके से बेच दिया गया। इस पर लोगों को बसा दिया गया है। जांच के बाद नायब तहसीलदार ने 41 अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर जमीन के दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है।

अवैध कब्जों के कारण अब शहर क्या गांव में भी सरकारी जमीनें नहीं बची हैं। भू-माफियाओं ने सुनियोजित तरीके से इन जमीनों पर अतिक्रमण कर लोगों को बसा दिया है। महज स्टाम्प पेपर पर नोटरी करके सरकारी जमीनें बेच दी गई हैं। नया मामला ट्र्रांसपोर्ट नगर के पास सांगीतराई का है जहां 20 एकड़ सरकारी जमीन 41 लोगों को बेची जा चुकी है। इ

सकी जानकारी एसडीएम को मिली तो जांच शुरू की गई। नायब तहसीलदार प्रकाश पटेल ने पूरी जमीन का मौका जांच कर प्रतिवेदन बनाने का आदेश दिया था। टीम ने मूल खसरा नंबर 320 के खनं 320/1 रकबा 3.93 हे., खनं 320/3 रकबा 3.33 हे. और खनं 320/14 रकबा 0.28 हे. सरकारी जमीन की जांच की। इसमें 41 लोगों का कब्जा पाया गया है। 

नायब तहसीलदार ने सभी को नोटिस देकर 24 फरवरी को जवाब सहित उपस्थित होने को कहा गया है। संबंधित खसरा नंबर में जितनी जमीन पर कब्जा है, उसकी नापजोख की गई है। किसी ने 5000 वर्गफुट पर कब्जा किया है तो किसी ने 6000 वर्गफुट पर। तय तारीख में जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर सबको बेदखल करने की कार्रवाई की जाएगी।

स्टाम्प पेपर पर बेच दी पूरी जमीन – सांगीराई के पूर्व पटवारी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि तीन लोगों ने 20 एकड़ जमीन को महज स्टाम्प पेपर पर लिखकर बेच दिया है। जांच के दौरान लोगों ने यह नहीं बताया कि उनको जमीनें किसने बेची हैं। लेकिन अब उन भूमाफियाओं के विरुद्ध कूटरचना कर सरकारी जमीन बेचने का मामला बनेगा। एफआईआर भी कराई जा सकती है।

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