कवर्धा । जिला पंजीयक कार्यालय कवर्धा में पंजीयक और भूमाफिया के गठजोड़ से हो रही रजिस्ट्री की गड़बड़ियां में हो रहे खुलासे से पंजीयक की भूमिका संदिग्ध हो चली है। हाथ लगे दस्तावेजो की माने तो भूमाफिया द्वारा की जा रही खरीदी में पंजीयक आंख बंद करे बैठे है। रजिस्ट्री हेतु लगे दस्तावेजो को जांचना और अपूर्ण दस्तावेज के बावजूद रजिस्ट्री रोकना या निरस्त करना तक उचित नही समझ रहे।
आधार कार्ड और पेन कार्ड में अलग अलग पिता का नाम होने के बावजूद रजिस्ट्री की पोल खुलने के बाद अब हो रही रजिस्ट्री में भूमाफिया पंकज जैन द्वारा एक शपथ पत्र दिया जा रहा कि मेरे आधार कार्ड में मेरे पिता का नाम संपतराज जैन है जोकि सत्य व सही है। मेरे पैनकार्ड में मेरे पिता का नाम दलीचंद बोथरा दर्ज है चूंकि मेरे नाना का कोई भी पुत्र संतान नहीं हुई, जिस कारण मेरे नाना द्वारा मुझे गोदनामा द्वारा गोद लिया है जिस कारण मैं उनका दत्तकपुत्र हूँ। जिस कारण से मेरे सभी सम्बंधित दस्तावेज में मेरे पिता दलीचंद बोथरा का नाम दर्ज है। पंजीयक ने आधार और पेन कार्ड में पिता के नाम अलग अलग होने के बावजूद शपथ पत्र में गोदनामे की पुष्टि करना तक उचित नही समझा। और न ही उक्त रजिस्ट्री में गोदनामा से सम्बंधित कोई दस्तावेज लगाए गए है । जबकि इसके पूर्व पिता के नाम को लेकर इस प्रकार के शपथ पत्र नही लगाए गए थे। आखिर पिता के अलग अलग नाम को लेकर गोदनामा देखरे बगैर कैसे पुष्ट हुए पंजीयक की सही में गोदनामा हुआ था। सिर्फ शपथ पत्र को आधार मानना पंजीयक की भूमिका संदिग्ध बना रहा। मामले को लेकर पंजीयक ध्रुव साहब देख कर बता पाऊंगा कहते है।
माफिया और इनके परिजनों द्वारा करवाई जा रजिस्ट्रियों को लेकर पंजीयक की संदिग्ध भूमिका के चलते इनके द्वारा विगत 15 वर्षों में कराई गई रजिस्ट्री और संलग्न दसतावेज की जांच के साथ साथ खरीदी बिक्री में लेनदेन के बगैर हस्ताक्षर और नाम के लगे चेक की गंभीरता को देखते मनीलांड्रिंग की संभावना व्यक्त की जा रही जी। इनकमटैक्स, ईडी और आर्थिक आपराध शाखा क्रेता-विक्रेता से लेनदेन की पूछताछ और पंजीयक में लगे दस्तावेजो के जांच करे तो एक बड़े मामले का खुलासा हो सकता है।