रायपुर : राष्ट्रीय रजक महासंघ भारत प्रदेश इकाई छत्तीसगढ़ के कर्मचारी -अधिकारी प्रकोष्ठ भिलाई के मुख्य संयोजक हमारे राष्ट्रीय रजक महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभुनाथ बैठा के दिशा निर्देश में अध्यक्ष मनोज चौधरी जी के कठिन परिश्रम से दिनेश चौधरी राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय रजक महासंघ भारत के मुख्य आतिथ्य में श्री विश्राम निर्मलकर प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय रजक महासंघ छत्तीसगढ़ लोकेश कनौजे अध्यक्ष रजककार कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ शासन ,शदुखवा राम निर्मलकर उपाध्यक्ष रजक कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ शासन, लक्ष्मीकांत जी सदस्य रजक कल्याण बोर्ड भुनेश्वर निर्मलकर सदस्य रजक कल्याण बोर्ड , राजेंद्र रजक जी रजक कल्याण बोर्ड के विशिष्ट अतिथि में संत गाडगे जयंती युवक युवती परिचय सम्मेलन का भव्य आयोजन भिलाई के सभागार में संत गाडगे महाराज जी के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि के कर कमलो शुभारंभ हुआ|
मुख्य अतिथि दिनेश चौधरी राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय रजक महासंघ ने समाज को संबोधित करते हुए संत गाडगे महाराज जी के बताए मार्ग पर चलकर समाज को संगठित करते हुए शिक्षा के स्तर को बढ़ाते हुए आपसे सामंजस्य स्थापित करते हुए एक दूसरे के सम्मान करते हुए ही समाज का सर्वांगीण विकास हो सकता है आज समाज की आवश्यकता है कि समाज संगठित हो संगठित समाज ही सर्वांगीण विकास की दिशा में आगे बढ़ सकता है आपस में मत भिन्नता हो सकती है समाज के लिए हितकर भी है परंतु मन भिन्नता नहीं होनी चाहिए इससे समाज का नुकसान होता है हम सब मिलकर आपस में समाज के सर्वांगीण विकास की दिशा में काम करें|
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय रजक महासंघ भारत प्रदेश इकाई छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष विश्राम निर्मलकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि संत गाडगे महाराज ने जो स्वच्छता अभियान गांव गांव गली गली शहर शहर में चलाया उसी का परिणाम है कि आज राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान चलाकर संपूर्ण देश को स्वच्छ बनाने का कार्य किया जा रहा है शिक्षा के क्षेत्र में भी संत गाडगे महाराज जी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है उन्होंने अपने संदेश में कहा एक रोटी कम खाएं परंतु अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएं शिक्षा ही सर्वांगीण विकास की जननी है अन्य समाजों का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रत्येक समाज अपने अपने इष्ट देव को मानते हुए उनके बताए मार्ग पर चलकर अपने समाज का सर्वांगीण विकास कर रहे हैं यह बातें किसी से छिपी नहीं है उन्हें विकसित समाजों की अच्छाइयों को हमें ग्रहण करके उनके क्रियाकलापों को अपनाकर हम समाज को आगे बढ़ा सकते हैं