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अनाधिकृत विकास व निर्माण के 28 प्रकरण हुए निराकृत

मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर

12 प्रकरणों के नियमितीकरण के लिए 1.50 लाख शास्ति अधिरोपित

16 प्रकरणों का हुआ निःशुल्क नियमितीकरण

रायपुर. मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर कलेक्टर श्री पी.एस. धु्रव की अध्यक्षता में बीते दिनों कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण प्राधिकारी समिति की बैठक में कुल 28 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें नगरीय क्षेत्र के 14 एवं ग्रामीण क्षेत्रों 14 कुल 28 प्रकरणों को शामिल किया गया। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री टी.आर. कोशिमा, नगर पालिका के उप-अभियंता श्री प्रेमप्रकाश दुबे और सदस्य सचिव सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश श्री संजूलाल सिंघ उपस्थित थे।
बैठक में छत्तीसगढ़ शासन की विशेष योजना के अंतर्गत आने वाले नियमितीकरण के ऐसे प्रकरण जो 120 वर्ग मीटर के दायरे में आते हैं, उनका निःशुल्क नियमितीकरण किया जाना है। इसके अंतर्गत नगरीय क्षेत्र के 08 एवं ग्रामीण क्षेत्र के 08 प्रकरण कुल 16 प्रकरणों को निःशुल्क नियमित किया गया तथा शेष 12 प्रकरणों में राशि एक लाख 50 हजार 896 रूपये शास्ति अधिरोपित की गई।
कलेक्टर एवं नियमितीकरण प्राधिकारी समिति के अध्यक्ष ने बैठक में आयुक्त नगर निगम चिरमिरी व समस्त नगर पालिका अधिकारियों को नियमितीकरण के संबंधित प्रकरणों को तेजी से निराकृत करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को आगामी बैठक में अनाधिकृत विकास एवं निर्माण के 100 प्रकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
गौतलब है कि मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में नगरीय क्षेत्रों में अनाधिकृत विकास एवं निर्माण को नियमितीकरण के दायरे में लाने के लिए विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। नगरीय निकायों के अधिकारी छत्तीसगढ़ शासन की इस विशेष योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के साथ ही अनाधिकृत विकास एवं निर्माण के दायरे में आने वाले मामलों के बारे में संबंधितों से आवेदन लेकर उसका निराकरण भी तेजी से कर रहे हैं। कलेक्टर श्री पी.एस. धु्रव के मार्गदर्शन में वार्डवार शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इससे पूर्व आयोजित प्राधिकारी समिति की बैठक में कुल 15 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल 12 लाख 95 हजार 322 रूपए की शास्ति अधिरोपित की गई थी। निराकृत प्रकरणों में 11 प्रकरण आवासीय, 02 प्रकरण गैर आवासीय तथा 02 प्रकरण 120 वर्ग मीटर के दायरे वाले थे।
गौरतलब है कि शासन के निर्देशानुसार 14 जुलाई 2022 से अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण के तहत आवेदन लेने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है और इस तिथि से एक वर्ष के अंदर ही नियमितीकरण के लिए आवेदन किया जा सकता है। सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश ने बताया कि नियमितीकरण का आवेदन फार्म आर्किटेक्ट के जरिए जमा कराना होगा। इसके साथ लीज, लायसेंस, आबंटन संबंधी दस्तावेज जो जीवित हो जमा करना होगा। भवन का निर्माण अधिसूचित तिथि के पूर्व यानी कि 14 जुलाई 2022 होने का प्रमाण पत्र, बिजली बिल, सम्पत्तिकर की प्रति तथा अन्य आवश्यक स्वप्रमाणित दस्तावेज देना होगा। निगम से पंजीकृत वास्तुविद या आर्किटेक्ट के द्वारा तैयार भवन मानचित्र, बिल्डिंग प्लान की प्रति सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत भवन अनुज्ञा, भवन पूर्णता प्रमाण पत्र की छाया प्रति यदि उपलब्ध हो तो शपथ पत्र अ एवं ब में अनाधिकृत विकास के नियमितीकरण कराने के लिए देना होगा।

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